नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में सोमवार को भारी हंगामा देखने को मिला, जहां विपक्ष सदस्यों ने पहले सदन से वॉकआउट कर दिया लेकिन थोड़ी ही देर में वह सदन में फिर से लौट आए और फिर भी बाद में उन्हें मार्शलों द्वारा बाहर कर दिया गया। इसकी शुरुआत विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा द्वारा दिल्ली सरकार के खिलाफ शहर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने में विफल रहने पर नारेबाजी से हुई।
अध्यक्ष राम निवास गोयल ने भाजपा विधायकों पर प्रतिदिन मुद्दे बदलने का आरोप लगाते हुए उनसे शांति बनाए रखने का आग्रह किया। विपक्षी विधायकों ने जन लोकपाल विधेयक फाइल पर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से जवाब की मांग की। फाइल कुछ तकनीकी कारणों से दिल्ली सरकार के पास अटकी हुई है।
इन दोनों विधायकों ने तीसरे भाजपा विधायक जगदीश प्रधान के साथ सदन से वॉकाउट किया लेकिन कुछ ही समय बाद वह सदन में लौट आए। भाजपा विधायक और नितिन त्यागी तथा सौरभ भारद्वाज समेत आम आदमी पार्टी (आप) के कुछ विधायक अध्यक्ष के आसन के पास आए और आरोप-प्रत्यारोप में शामिल हो गए।
अध्यक्ष ने सभी विधायकों से अपनी सीटों पर लौटने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वह भाजपा विधायकों की मांग पर संबंधित मंत्रियों से इस बारे में पूछेंगे। लेकिन, गुप्ता ने अपनी मांग जारी रखी, जिसके बाद गोयल ने मार्शल को उन्हें सदन से बाहर निकालने का निर्देश दिया। बाद में, सिरसा को भी सदन से बाहर कर दिया गया जबकि प्रधान ने फिर से सदन से वाकआउट कर दिया।
सिरसा और अन्य दोनों विधायक बाद में विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। सिरसा ने आरोप लगाया कि आप ने उन्हें सदन से बाहर करवा दिया ताकि अरविंद केजरीवाल को उनके सवालों का सामना नहीं करना पड़े। विपक्षी विधायकों को बाहर किए जाने के बाद मुख्यमंत्री सदन में पहुंचे।
विशेष सत्र बुधवार से शुरू हुआ, जिसमें गुरुवार को भी हंगामा हुआ था और सदन में हंगामा करने के लिए गुप्ता और सिरसा को सदन से बाहर कर दिया गया था। अध्यक्ष ने सत्र का सोमवार तक विस्तार कर दिया था, पहले यह शुक्रवार को समाप्त होने वाला था।