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मानसून में देरी से जून के पहले नौ दिन में वर्षा में कमी 45 प्रतिशत हुई: मौसम विभाग

भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि मानसून के आने में देरी से जून के पहले नौ दिनों में देश में वर्षा की कमी बढ़कर 45 प्रतिशत हो गई है। मानसून ने सामान्य आगमन की तारीख से एक सप्ताह की देरी से आठ जून को केरल में दस्तक दी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : June 09, 2019 23:37 IST
Delay in monsoon pushes rainfall deficiency to 45% in first...
Delay in monsoon pushes rainfall deficiency to 45% in first 9 days of June: IMD

नई दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि मानसून के आने में देरी से जून के पहले नौ दिनों में देश में वर्षा की कमी बढ़कर 45 प्रतिशत हो गई है। मानसून ने सामान्य आगमन की तारीख से एक सप्ताह की देरी से आठ जून को केरल में दस्तक दी। इससे देश के अलग-अलग हिस्सों में मानसून का आगमन भी विलंबित हुआ।

मौसम विभाग ने कहा कि देश में 32.4 मिलीमीटर की सामान्य वर्षा के मुकाबले केवल 17.7 मिलीमीटर बारिश हुई, इससे वर्षा की कमी लगभग 45 प्रतिशत तक हो गई है। जून में वर्षा की कमी मानसून की सुस्त गति और कमजोर अलनीनो के कारण बढ़ सकती है। अल नीनो प्रशांत महासागर के पानी के गर्म होने से जुड़ा घटनाक्रम है।

अरब सागर में जारी चक्रवाती परिसंचरण के चलते अगले कुछ दिनों में मानसून की गति धीमी हो सकती है। भारतीय मौसम विभाग के आंकड़े में कहा गया है, ‘‘दक्षिण-पूर्व अरब सागर और उससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र और पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बना है। इसके दक्षिण-पूर्व और इससे सटे पूर्व मध्य अरब सागर से सटे क्षेत्र में अगले 48 घंटों के दौरान एक दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है। इसके उत्तर-पश्चिमोत्तर की ओर आगे बढ़ने और एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की काफी संभावना है।’’

देश के चार मौसम डिविजनों में सबसे अधिक 66 प्रतिशत की कमी मध्य भारत में है जिसमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, गोवा, ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्य आते हैं। इसमें कहा गया है कि मध्य भारत के गुजरात में कच्छ तथा सौराष्ट्र उप-प्रभागों में 100 प्रतिशत की कमी देखी गई है। स्थिति महाराष्ट्र में, विशेष तौर पर विदर्भ और सूखाग्रस्त मराठवाड़ा में गंभीर है, जहां बारिश की कमी क्रमशः 70 प्रतिशत और 50 प्रतिशत हो गई है। इन क्षेत्रों के जलाशयों में पानी का स्तर भी निम्न स्तर पर पहुंच गया है।

विभाग ने कहा कि पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत डिवीजन में मानसून की कमी 49 फीसदी है जिसमें झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और सभी पूर्वोत्तर राज्य आते हैं। दक्षिण प्रायद्वीप में कमी देश में सबसे कम 29 प्रतिशत है जिसमें सभी दक्षिण भारतीय राज्य आते हैं। मानसून ने केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों को कवर किया है। उत्तर-पश्चिम भारत के सभी उत्तर भारत के राज्यों में वर्षा की कमी 32 प्रतिशत है। दूसरी ओर उत्तर भारतीय मैदानों और मध्य भारत में पारा का बढ़ना जारी है।

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