नई दिल्ली। कर्नाटक के बागी विधायकों को लेकर मंगलवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कर्नाटक में मौजूदा कांग्रेस-JDS सरकार के गिरने का खतरा बढ़ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष 15 बागी विधायकों को बुधवार को सदन में मौजूद रहने के लिए प्रतिबद्ध नहीं कर सकते। सभी 15 विधायकों को यह स्वतंत्रता दे दी गई है कि बुधवार को कर्नाटक विधानसभा में मौजूद रहने को लेकर फैसला उन्हीं को करना है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बीएस यदियुरप्पा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'भाजपा इस फैसले का स्वागत करती है, यह फैसला असंतुष्ट विधायकों के लिए नैतिक जीत है।'
बुधवार को ही कर्नाटक विधानसभा में मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को अपना बहुमत साबित करना है, ऐसे में अगर 15 विधायक वोटिंग में भाग नहीं लेते हैं तो सरकार के पास पर्याप्त संख्याबल उपलब्ध नहीं होगा। स्पीकर अगर विधायकों की सदस्यता को रद्द करते हैं तो भी वह वोटिंग के लिए अयोग्य साबित हो जाएंगे और ऐसी स्थिति में भी सरकार के पास पर्याप्त संख्याबल नहीं होगा।
स्पीकर ने इस्तीफा मंजूर किया तो
- सदन में विधायकों की संख्या 209 हो जाएगी
- बहुमत के लिए 105 की जरूरत पड़ेगी
- कांग्रेस-जेडीएस की सरकार अल्पमत में आ जाएगी
- कांग्रेस-जेडीएस के पास 101 विधायक बचेंगे
- 105 विधायकों वाली बीजेपी सरकार बनाएगी
स्पीकर ने इस्तीफा मंजूर नहीं किया तो
- फ्लोर टेस्ट में बागी MLA वोट देने के लिए बाध्य नहीं होंगे
- फ्लोर टेस्ट में बागी विधायकों पर व्हिप लागू नहीं होगा
- वोटिंग में शामिल नहीं हुए तो सदन की संख्या 209 होगी
- कांग्रेस-जेडीएस की सरकार अल्पमत में आ जाएगी
- बीजेपी को सरकार बनाने का मौका मिल जाएगा