नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा के प्रभावी कामकाज पर जोर देते हुए कहा कि संसद में गतिरोध से सरकार को कम, लेकिन देश को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक सांसद आम आदमी की समस्याओं को लेकर आवाज उठाए और उनके कल्याण के लिए कदम उठाने के वास्ते सरकार को विवश करे।
प्रधानमंत्री वर्ष 2014 से 2017 तक के लिए सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार प्रदान करने हेतु संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘सांसदों के लिए महत्वपूर्ण है कि वे गरीब और वंचित लोगों की आवाज व्यक्त करें। दुखद है कि जब सदन में शोरगुल और अफरातफरी होती है तथा सांसद बोल नहीं पाते हैं तो समूचे देश का नुकसान होता है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘संसद में गतिरोध के चलते सरकार को कम नुकसान होता है। यह देश है जिसे सबसे ज्यादा नुकसान होता है।’’
उन्होंने संसद के प्रभावी कामकाज की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि संसद चर्चा और यहां तक कि सरकार की आलोचना का भी मंच है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘संसद में बोले गए शब्द रिकॉर्ड में होते हैं और वे इतिहास की किताबों का हिस्सा होंगे। इसीलिए यह महत्वपूर्ण है कि संसद प्रभावी ढंग से चले।’’ उनकी यह टिप्पणी विपक्ष द्वारा विभिन्न मुद्दों पर शोरगुल किए जाने से संसद में बार-बार होने वाले गतिरोध के मद्देनजर आई।
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के बड़े देश में सांसद अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अपने साथ सपने और आकांक्षाएं लेकर आते हैं।’’ पुरस्कार प्राप्त करने वालों में नजमा हेपतुल्ला, हुकुमदेव नारायण यादव, गुलाम नबी आजाद, दिनेश त्रिवेदी और भृर्तुहरि महताब शामिल हैं। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने विपक्ष से जिम्मेदार बनने तथा सरकार से अधिक ‘‘जवाबदेह’’ बनने का आह्वान किया।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि भारत के लोकतांत्रिक मूल्य और ससंदीय तंत्र उदाहरण मात्र नहीं हैं, बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणा के स्रोत भी हैं।