भोपाल. मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है। सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में अब तक किसी भी विधायक को जगह नहीं मिली है। ऐसे में वो कोरोना संकट के बीच लगातार अकेले ही सरकार चला रहे हैं और वन मैन आर्मी बने हुए हैं। मध्य प्रदेश में कोरोना के मामले भी लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं और प्रदेश इस वक्त कोरोना संक्रमण के मामले में पांचवे स्थान पर आ चुका है। इस कारण विपक्ष के लोगों भी उनपर हमलावर हैं। इन हमलों के बीच शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि 23 तारीख से लगातार कोरोना के खिलाफ युद्ध में लगे हुए थे। हमने फैसले किया है कि पहले इस लड़ाई को जीतना है। मंत्रिमंडल का विस्तार थोड़े दिनों बाद करेंगे। अब 14 तारीख को लॉकडाउन समाप्त नहीं होगा। एक चरण समाप्त होगा, आगे जैसी परिस्थिति बनेगी, उस अनुसार पार्टी के साथ विचार विर्मश करके फैसला करेंगे।
पता लगाएं, स्वास्थ्य अमले के अफसर, कर्मी कैसे हुए संक्रमित : शिवराजकोरोना वायरस महामारी के चलते मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में स्वास्थ्य अमले के अधिकारियों और कर्मचारियों के संक्रमित होने का मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पूरे मामले की जांच कराने के आदेश दिए हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि आखिर स्वास्थ्य अमले के अधिकारियों-कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हुए कैसे। मुख्यमंत्री चौहान ने एक निजी समाचार चैनल के साथ बातचीत में सोमवार को यह माना कि राज्य में स्वास्थ्य विभाग के संचालनालय के अधिकारी और कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं।
उन्होंने कहा, "हम इस मामले की जांच करा रहे हैं कि आखिर इतनी तादाद में अधिकारी और कर्मचारी संक्रमित हुए कैसे। लापरवाही बरती गई है। यह बात सही है कि स्वास्थ्य संचालनालय के कर्मचारी बड़ी संख्या में लंबे अरसे से काम कर रहे थे, इसलिए उन्हें एक दम से दोषी नहीं मान जा सकता। फिर भी इस मामले की जांच कराई जा रही है। जांच में जो तथ्य आएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।"
राज्य में स्वास्थ्य अमले के तीन बड़े अधिकारी (आईएएस) कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। स्वास्थ्य निदेशक भी इस बीमारी की चपेट में हैं। इसके अलावा भोपाल में 40 से ज्यादा अन्य कर्मचारी भी कोरोना वायरस से पीड़ित पाए गए हैं। यह हर किसी के लिए चिंता का विषय है।