नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि अचानक लॉकडाउन लागू किए जाने से बहुत घबराहट और भ्रम पैदा हो गया है। उन्होंने ल़ॉकडाउन के बजाय कोई दूसरा कदम उठाने की बात कही।
उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि कोरोना वायरस से निपटने को लेकर भारत की परिस्थितियां अलग हैं और हमें पूर्ण लॉकडाउन का फैसला लेने वाले दूसरे देशों के कदम पर न चलकर दूसरे कदम उठान चाहिए। इससे पहले राहुल गांधी ने लॉकडाउन के बाद पैदा हुए हालात पर भी ट्वीट किया था। उन्होंने सरकार से अपील की थी कि वह लोगों के पलायन को रोके।
राहुल गांधी ने आगे लिखा, 'भारत में उन गरीबों की संख्या, जिनका जीवन दैनिक मजदूरी पर निर्भर है, इतनी ज्यादा है, कि हम आर्थिक कार्यों पर पूरी तरह से एकतरफा लॉकडाऊन नहीं लगा सकते। पूरी तरह से आर्थिक शटडाऊन कोविड-19 वायरस की वजह से होने वाली मौतों की संख्या को बहुत ज्यादा बढ़ा सकता है।'
उन्होंने लिखा, 'यह महत्वपूर्ण है कि केंद्र सरकार द्वारा ज्यादा विस्तृत एवं केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया जाए, जिसमें देश के नागरिकों के वास्तविक जीवन की सच्चाईयों पर पूरी तरह से गौर किया गया हो। हमारी प्राथमिकता बुजुर्गों व कमजोरों को अन्य लोगों से पृथक करने एवं उन्हें वायरस से सुरक्षा देने पर होनी चाहिए। इसके साथ ही युवाओं को बुजुर्गों के नज़दीक व संपर्क में जाने से उन्हें होने वाले खतरों के बारे में साफ तौर से एवं पूर्ण रूप से जागरुक करना चाहिए।'
'भारत में लाखों बुजुर्ग गांवों में रहते हैं। पूर्ण लॉकडाऊन एवं आर्थिक गतिविधियों पर शटडाऊन के कारण लाखों युवा बेरोजगार होकर अपने-अपने गांव में पलायन करने पर मजबूर हो जाएंगे, जिससे उनके माता-पिता, दादा-दादी एवं बुजुर्गों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा। इससे बड़ी संख्या में लोगों के जान गंवाने का खतरा है।'
राहुल गांधी ने कल एक ट्वीट कर प्रवासी लोगों की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा था, 'सरकार इस भयावह हालत की ज़िम्मेदार है। नागरिकों की ये दशा करना एक बहुत बड़ा अपराध है। आज संकट की घड़ी में हमारे भाइयों और बहनों को कम से कम सम्मान और सहारा तो मिलना ही चाहिए। सरकार जल्द से जल्द ठोस क़दम उठाए ताकि ये एक बड़ी त्रासदी ना बन जाए।'