नई दिल्ली. कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कोरोना संक्रमण की वजह से हुई मौतों को लेकर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इसमें शक नहीं है कि कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा सरकार छुपा रही है, जितनी मौते दिखाई गई हैं, उसके मुकाबले 5-6 गुना ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई है। राहलु गांधी ने कहा, "दूसरी लहर में 90 प्रतिशत लोग बेवजह मरे हैं, मैंने बहुत सारे डॉक्टरों से बात की है, उनका कहना है कि अगर आप नीडलेस डेथ को देखें तो ऐसे लोग जिनको सपोर्ट मिल जाता और वे नहीं मरते, उसका सबसे बड़ा कारण उनको सही समय पर ऑक्सीजन नहीं दे पाए।"
राहुल गांधी ने कहा कि बहुत सारे लोगों की मौत समय पर ऑक्सीजन न मिलने की वजह से हुई है। प्राइम मिनिस्टर के आंसू उन परिवारों के आंसू को नहीं मिटा पाएंगे। वे सारे लोग जानते हैं कि उनके परिवार का सदस्य जब मरा तो वहां प्रधानमंत्री नहीं थे। प्रधानमंत्री के आंसू ने उनको नहीं बचाया, मगर ऑक्सीजन जरूर बचा सकती थी और प्रधानमंत्री ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया।
उन्होंने कहा कि शायद हिंदुस्तान ही ऐसा देश है, जहां निजी अस्पतालों में पैसे देकर वैक्सिनेशन हो रहा है बाकी देशों में फ्री वैक्सिनेशन हो रहा है। प्रधानमंत्री पहले भी मार्केटिंग में घुस गए थे। थाली बजाओ, मोबाइल फोन की लाइट जलाओ, कोविड को हमने हरा दिया बाकी दुनिया को वैक्सीन भेज दी। ये पहले भी मार्केटिंग में घुस गए थे और उसका नतीजा देश ने देखा है, लाखों लोगों ने उसका नतीजा देखा है। कोविड देश को बहुत जबरदस्त नुकसान पहुंचाएगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि वैक्सीन की दो खुराकों के बीच समय बढ़ाने का राजनीतिक कारण है। वैक्सीन की कमी है तो देरी करो, लेकिन इससे हल नहीं मिलेगा। वायरस यह सब नहीं समझता। अगर ऐसा करेंगे तो वायरस फिर हमला करेगा। प्रधानमंत्री को समझना है कि यह राजनीतिक लड़ाई नहीं है, यह वायरस के खिलाफ लड़ाई है, पूरा विपक्ष उनके खिलाफ खड़ा है। जिस वैक्सीन से रिजल्ट सही नहीं आ रहा उसे बदल दो, रणनीति बदलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है, कोरोना से हुई मौतों का मुआवजा देने के लिए सरकार को हर मौत पर 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता पहुंचानी चाहिए।