नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद इस पर मंथन करने के लिए दिल्ली में हुई कांग्रेस कार्यकारिणी समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की हालांकि सीडब्ल्यूसी ने इस्तीफे की पेशकश ठुकराई दी है। बैठक में कहा गया कि पार्टी को राहुल के मार्गदर्शन और उनके नेतृत्व की आवश्यकता है। पार्टी के ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन का फैसला लिया गया है जिसपर जल्द ही काम शुरू होना चाहिए।
यह बैठक एक के बाद एक कई घटनाक्रम से भरपूर रही। पहलेे खबर आई कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की है। सीडल्ब्यूसी ने हालांकि उनके प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इस बीच मीटिंग के अंत में राहुल ने अपने दिल की बात बयां कर दी। उन्होंने इस्तीफे का नाम लिए बिना कह दिया कि अब वे अध्यक्ष के रूप में काम नहीं करना चाहते। लेकिन वे आगे भी अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
राहुल के इस्तीफे की खबरों के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन अटकलों को अफवाह करार दिया है। बता दें कि लोकसभा चुनावों में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली है तो कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। इसी हार पर मंथन के लिए आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई थी। मीटिंग में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता शामिल थे।
लोकसभा चुनावों में मिली करारी शिकस्त के तुरंत बाद राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की घोषणा कर दी थी कि हार की समीक्षा के लिए बैठक होगी। चुनाव नतीजे राहुल गांधी और कांग्रेस के लिए हैरान करने वाले हैं। मोदी की आंधी ऐसी चली कि समूचे विपक्ष का सुपड़ा साफ हो गया। राहुल की कांग्रेस 17 राज्यों में शून्य पर सिमट गई। सबसे पुरानी पार्टी की झोली में देश भर में महज़ 52 सीटें आईं और कांग्रेस के गढ़ अमेठी को स्मृति ईरानी ने राहुल से छीन लिया। ऐसे में अब राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठना कोई नई बात नहीं है।
पार्टी के सीनियर नेता दबी ज़ुबान में ही सही लेकिन राहुल गांधी की रणनीति पर सवाल उठाने लगे हैं। वहीं चुनाव नतीजों के बाद राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को निराश ना होने की अपील की थी लेकिन मोदी की प्रचंड लहर में मिली इस करारी हार से कांग्रेस में हड़कंप मचा है।
कांग्रेस के दूसरे बड़े दिग्गजों ने भी इस्तीफे की पेशकश की है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। वहीं, ओडिशा के कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कर्नाटक के चुनाव कैंपेन समिति के अध्यक्ष एचके पाटिल ने भी राहुल को इस्तीफा भेज दिया है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘सीडब्ल्यूसी की बैठक में मुख्य रूप से हार के कारणों पर विचार किया जाएगा। इस बारे में भी चर्चा होगी कि पार्टी को किस तरह से मजबूत किया जा सकता है।’’ 2014 लोकसभा चुनावों में 44 सीटें जीतने वाली कांग्रेस को इस बार चुनावों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। पार्टी को महज़ 8 सीटों का फायदा हुआ।