नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद से नेतृत्व के संकट से जूझ रही कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। उसने अपनी युवा इकाई से महाराष्ट्र, हरियाणा एवं झारखंड में 130 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार का मोर्चा संभालने को कहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जल्द ही इन सीटों पर ‘डोर टू डोर’ एवं सोशल मीडिया अभियान भी शुरू हो जाएगा। भारतीय युवा कांग्रेस इन तीनों राज्यों में ‘सुपर 130’ के लक्ष्य के साथ काम करने जा रही है।
महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड पर नजर
कांग्रेस ने महाराष्ट्र की 288 में से 60, हरियाणा की 90 में से 40 और झारखंड की 81 में से 30 सीटें चिन्हित की हैं। इनमें से ज्यादातर सीटों पर उसने अपने स्थानीय पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां भी सौंप दी हैं। सूत्रों के मुताबिक इन 130 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार अभियान की निगरानी भारतीय युवा कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू करेंगे। इन तीनों राज्यों में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं और इन सभी राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं।
पूरी ताकत झोंकने के लिए कांग्रेस तैयार
युवा कांग्रेस के नवनियुक्त अंतरिम अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने बताया, ‘हम महाराष्ट्र में सुपर 60, हरियाणा में सुपर 40 और झारखंड में सुपर 30 के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं। इस तरह से इन तीनों राज्यों में हमारा सुपर 130 का लक्ष्य है। इन सीटों पर हम सबसे पहले मतदाता सूचियों में उन लोगों के नाम शामिल करा रहे हैं जिनके नाम किन्हीं कारणों से हटा दिए गए हैं। हम जल्द ही 'डोर टू डोर' और सोशल मीडिया अभियान शुरू करेंगे।’ सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों AICC के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने युवा कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मैराथन बैठक की और उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर पूरी ताकत झोंकने को कहा।
शहरी इलाकों की सीटों पर खास ध्यान
श्रीनिवास का कहना है कि दूसरी सीटों पर भी संगठन के कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में शामिल होंगे, लेकिन इन 130 चिन्हित सीटों पर संगठन मुख्य रूप से ध्यान देगा। युवा कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के लिए जो सीटें चिन्हित की हैं उनमें बड़ी संख्या में ऐसी सीटें हैं जो शहरी इलाकों में पड़ती हैं। मसलन, उसने मुंबई में 20 सीटें चिन्हित की है जहां वह चुनाव प्रचार का मोर्चा संभालेगी। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी युवा कांग्रेस ने 100 से ज्यादा सीटों पर ‘डोर टू डोर’ प्रचार अभियान शुरू किया था, लेकिन इनमें से ज्यादातर सीटों पर पार्टी को सफलता नहीं मिल पाई।