नई दिल्ली: कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि वह गुजरात में पांच विधायकों के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद भी दोनों राज्यसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राज्य के कांग्रेस नेताओं और पर्यवेक्षकों बी.के. हरि प्रसाद व रजनी पटेल के साथ हुई बैठक में राज्य के नेताओं ने कहा कि उन्हें तकनीकी रूप से केवल एक वोट की जरूरत है और जिग्नेश मेवानी के समर्थन से उन्हें वह मिल जाएगा।
पहली सीट शक्ति सिंह गोहिल को जाएगी और दूसरी सीट भरत सिंह सोलंकी को जाएगी। अब पूर्व मुख्यमंत्री सोलंकी के बेटे को अपनी जीत सुनिश्चित करनी है और पार्टी नेताओं का मानना है कि उनके पिता की अच्छी छवि के कारण उन्हें उम्मीद से ज्यादा वोट मिल सकते हैं। पार्टी पर्यवेक्षक हरि प्रसाद ने कहा, "हमें दोनों सीटों पर जीत की उम्मीद है।"
इसी बीच, गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने दावा किया है कि और भी कांग्रेसी विधायक पार्टी से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस ने राजस्थान में दो पर्यवेक्षकों रणदीप सिंह सुरजेवाला और टी.एस.सिंहदेव को नियुक्त किया है, जो राज्य में चुनाव की निगरानी करेंगे, जहां भाजपा ने अपने चौथे उम्मीदवार ओंकार सिंह लाखावत को उतारा है।
वहीं मध्य प्रदेश में मुकुल वासनिक और हरीश रावत पहले से ही विधायकों को संभालने में जुटे हैं। ये तीनों राज्य दोनों पार्टियों के बीच विवाद के मूल में हैं। पश्चिम बंगाल में तृणमूल समर्थक निर्दलीय उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया है, इसलिए बिना किसी चुनाव के कांग्रेस समर्थित माकपा उम्मीदवार निर्विरोध जीत जाएंगे।
भाजपा उच्च सदन में अपनी संख्या बरकरार रखनी चाहती है, लेकिन हरियाणा में उसने चुनाव के लिए जोर नहीं लगाया, जहां उसकी सरकार जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही है। महाराष्ट्र में भी चुनाव की कोई स्थिति नहीं है, और वहां भी उम्मीदवार निर्विरोध चुने जाएंगे।
झारखंड में कांग्रेस, भाजपा को हरा सकती है। क्योंकि वहां भाजपा को 27 वोटों की जरूरत है, लेकिन उसके पास 26 वोट हैं और पूरा खेल आल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसु) पर निर्भर होगा। कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आर.पी.एन. सिंह को भरोसा है कि पार्टी उम्मीदवार आसानी से चुनाव जीत जाएगा। बिहार की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी चुनाव की स्थिति नहीं है, जहां कांग्रेस दो सीटें जीतने के लिए तैयार है।