Highlights
- 'कांग्रेस इस पर भी जोर देगी कि सरकार किसान संगठनों की मांगों को स्वीकार करे।'
- रणनीतिक समूह के सदस्य एवं सांसद मनीष तिवारी बैठक में शामिल नहीं हुए।
- कांग्रेस ने तय किया है कि जरूरी वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा जाएगा।
नयी दिल्ली: कांग्रेस ने गुरुवार को फैसला किया कि वह 29 नवंबर से आरंभ हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी समेत किसान संगठनों की मांगों, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग, महंगाई, सीमा पर चीन की आक्रमकता और पैगसस जासूसी प्रकरण जैसे मुद्दों को दोनों सदनों में उठाते हुए सरकार को घेरेगी। पार्टी के संसदीय मामलों से संबंधित रणनीतिक समूह की बैठक में यह फैसला किया गया। इसके साथ ही कांग्रेस ने तय किया है कि इन मुद्दों पर तृणमूल कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों को साथ लाने की कोशिश की जाएगी।
सरकार पर दबाव बनाएगी कांग्रेस
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई इस बैठक में इस बात पर जोर दिया कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक सत्र के पहले ही दिन लाया जाए। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में इस विधेयक को मंजूरी दी है। बैठक में यह भी तय हुआ कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक पर चर्चा में भाग लिया जाएगा और इसका समर्थन किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि बैठक में यह भी तय हुआ कि अजय मिश्रा को मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग को लेकर भी सरकार पर दबाव बनाया जाए।
बैठक में शामिल नहीं हुए मनीष तिवारी
केंद्रीय मंत्री मिश्रा के पुत्र पर लखीमपुर खीरी में किसानों को वाहन से कुचलने की घटना में शामिल होने का आरोप है। बैठक में शामिल एक नेता ने कहा, ‘कांग्रेस इस पर भी जोर देगी कि सरकार किसान संगठनों की मांगों को स्वीकार करे।’ बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा एवं मुख्य सचेतक जयराम रमेश, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, मुख्य सचेतक के. सुरेश और कुछ अन्य नेता शामिल हुए। इस रणनीतिक समूह के सदस्य एवं सांसद मनीष तिवारी बैठक में शामिल नहीं हुए।
पैगसस और चीन का मुद्दा भी संसद में उठेगा
पार्टी सूत्रों का कहना है कि तिवारी पंजाब में होने की वजह से बैठक में शामिल नहीं हुए। वह इन दिनों अपनी नयी पुस्तक को लेकर चर्चा में हैं। सूत्रों ने बताया कि बैठक में यह फैसला भी किया गया कि अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में सीमा पर चीन की आक्रमकता, जम्मू-कश्मीर में ‘आतंकी हमले बढ़ने’ और पैगसस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से जांच समिति गठित किए जाने के बाद इस मुद्दे को भी सदन में उठाया जाएगा। कांग्रेस ने तय किया है कि जरूरी वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा जाएगा और चर्चा की मांग की जाएगी।
तृणमूल से भी संपर्क करेगी कांग्रेस पार्टी
कांग्रेस पार्टी ने प्रमुख मुद्दों पर अन्य विपक्षी दलों से संपर्क करने का भी फैसला किया है। इंडिया टीवी को सूत्रों ने बताया है कि आज की बैठक में कुछ नेताओं ने चिंता जताई कि क्या उन्हें तृणमूल कांग्रेस से भी संपर्क करना चाहिए? जिसपर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हस्तक्षेप किया और कहा कि कांग्रेस को तृणमूल सहित सभी दलों से संपर्क करना चाहिए, और यह उन पर निर्भर करता है कि वे आते हैं या नहीं? बता दें कि बीते कुछ दिनों में कांग्रेस के कई नेता तृणमूल में शामिल हुए हैं जिनमें मेघालय के 12 विधायक भी शामिल हैं।