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राहुल को बचाने के लिए राफेल पर झूठा राग अलाप रही है कांग्रेस : भाजपा

   पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एंटनी जैसे नेता सौदे की संवेदनशीलता को समझते हैं लेकिन उन्हें गांधी का बचाव करने के लिए राजग सरकार से लड़ाकू विमान का ब्यौरा साझा करने की मांग करने को ‘‘मजबूर’’ होना पड़ा है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 23, 2018 21:52 IST
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Image Source : PTI विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद 

नई दिल्ली: भाजपा ने राफेल सौदे पर कांग्रेस द्वारा आज उठाए गए सवालों को खारिज करते हुए कहा कि विपक्षी दल राहुल गांधी को बचाने के लिए झूठा राग अलाप रहा है। भाजपा ने साथ ही कहा कि राहुल गांधी लोकसभा को ‘‘ गुमराह करने के लिए प्रथम दृष्टया विशेषाधिकार हनन के दोषी हैं ।’’ विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के सवालों को खारिज करने के साथ ही तत्कालीन संप्रग सरकार द्वारा रक्षा खरीद एवं अन्य मुद्दों पर संसद में दिए गए जवाबों का भी उल्लेख किया जहां तत्कालीन रक्षा मंत्रियों, पहले प्रणव मुखर्जी और बाद में ए के एंटनी ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए सौदों से जुड़ी कीमतों को साझा करने से इंकार कर दिया था। प्रसाद ने कहा कि तत्कालीन संप्रग सरकार का रवैया सही था । उन्होंने साथ ही राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वह अपने राजनीतिक हितों के लिए भारत की सुरक्षा को दांव पर लगाने का प्रयास कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा,‘‘ राफेल सौदे पर कांग्रेस का रूख देश हित में कतई नहीं है।’’ कांग्रेस लगातार यह मांग कर रही है कि सरकार राफेल लड़ाकू विमान की कीमतों संबंधी ब्यौरा साझा करे ।विपक्षी पार्टी ने साथ ही मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह इन विमानों को इनकी समझौते के समय की कीमतों के बजाय अधिक कीमत पर खरीद रही है। भाजपा नेता ने कहा कि संप्रग सरकार के दौरान 2007 में जब राफेल सौदे के संबंध में बातचीत शुरू हुई थी तब प्रति विमान कीमत 7.93 करोड़ यूरो बतायी गई और इसमें कीमतों में वृद्धि संबंधी अंतर्निहित आयाम जुड़े थे । इसके बाद जब 2011 में निविदा का समय आया तब प्रति विमान कीमत बढ़कर 10.08 करोड़ यूरो हो गयी लेकिन तब भी इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। 

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 2016 में राजग सरकार के समय जब राफेल सौदे के बारे में अंतर-सरकारी समझौता हुआ तब प्रति विमान कीमत 9.17 करोड़ यूरो थी । यह पूर्ववर्ती सरकार द्वारा तय की गई कीमत से 9 प्रतिशत कम थी । मंत्री ने कहा कि सरकार विमान की कीमतों को लेकर स्पष्टवादी रही है लेकिन इसका संचालनात्मक ब्यौरा एक संवेदनशील मामला है जिसमें भारत को मुहैया कराए जाने वाले साजो सामान का ब्यौरा भी शामिल है और इसका खुलासा करने से भारतीय वायु सेना की क्षमता संबंधी महत्वपूर्ण सूचना लीक हो जाएगी। ‘‘ चूंकि संवेदनशील मामले और कीमतें आपस में जुड़ी हुई हैं , इसीलिए पूर्ववर्ती सरकारों : संप्रग : ने भी पहले कई ऐसे मौकों पर जनहित में सदन के पटल पर उनका खुलासा नहीं किया था ।इसमें अमेरिका से हथियारों का आयात और इस्राइल से रक्षा उपकरण तथा मिसाइलों का आयात शामिल था।’’ 

भाजपा नेता ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एंटनी जैसे नेता सौदे की संवेदनशीलता को समझते हैं लेकिन उन्हें गांधी का बचाव करने के लिए राजग सरकार से लड़ाकू विमान का ब्यौरा साझा करने की मांग करने को ‘‘मजबूर’’ होना पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘ वंशवादी पार्टियां एक परिवार के आसपास जमा भीड़ है । कांग्रेस के बारे में यह सच है। चूंकि इस परिवार के एक सदस्य ने झूठ बोला है , तो परिवार के आसपास जमा भीड़ के पास एक सुर में झूठ का राग अलापने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। और आज यही हुआ है।’’ प्रसाद ने आरोप लगाया कि संप्रग सरकार ‘‘भ्रष्टाचार का पर्याय थी और कांग्रेस एक मनगढंत मुद्दा उठाकर ऐसा प्रभाव पैदा करना चाहती है, मानो बाकी भी उसी की तरह से भ्रष्ट हैं । उन्होंने इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के नोटिस संबंधी कांग्रेस की धमकी को भी दरकिनार कर दिया और इसे ‘‘दुस्साहस’’करार दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब एक घरेलू मुद्दे को लेकर संसद में दिए गए बयान को नकारने के लिए विदेशी सरकार को आगे आना पड़ा। 

भाषा नरेश 

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