गुवाहाटी: असम में विपक्षी कांग्रेस ने शुक्रवार को पूर्वोत्तर राज्य की जनसंख्या को नियंत्रित करने के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बयान को लेकर उनकी आलोचना की। गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए सरमा ने कहा था कि अप्रवासी मुस्लिम आबादी को सभ्य परिवार नियोजन मानदंडों को अपनाना चाहिए, क्योंकि भूमि और संसाधन सीमित हैं। उन्होंने कहा था कि यदि जनसंख्या को नियंत्रित नहीं किया गया तो विभिन्न समस्याएं और अपराध नई पीढ़ियों के भविष्य को खतरे में डाल देंगे। शर्मा के बयान पर पलटवार करते हुए असम कांग्रेस के मीडिया विभाग की अध्यक्ष बोबीता शर्मा ने कहा कि असम में जनसंख्या विस्फोट के संदर्भ में मुख्यमंत्री का बयान गलत सूचना पर आधारित और भ्रामक है।
बोबीता ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा किए गए और दिसंबर 2020 में जारी किए गए नवीनतम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के अनुसार, पिछले 5 वर्षों में अधिकांश भारतीय राज्यों में कुल प्रजनन दर (TFR) में गिरावट आई है। उन्होंने कहा, ‘इसी सर्वेक्षण के अनुसार, असम में महिलाओं की प्रजनन दर 2015-16 में 2.2 से घटकर 2020-21 में 1.9 हो गई है और 1.9 दर 2.1 से कम है, जिसका अर्थ है कि असम की भविष्य की जनसंख्या वर्तमान आबादी से कम ही होगी। इसलिए मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार जनसंख्या में वृद्धि का कोई सवाल ही नहीं है।’
कांग्रेस नेता ने कहा, 'अगर मुख्यमंत्री नागरिकता संशोधन अधिनियम के लागू होने के कारण बांग्लादेश और पाकिस्तान से लोगों के अप्रवास के कारण भविष्य में होने वाले जनसंख्या विस्फोट का जिक्र कर रहे हैं, तो शायद उनकी चिंता जायज है। कांग्रेस पार्टी में हम इस चीज पर मुख्यमंत्री को आश्वस्त करते हैं कि हम निश्चित कदम उठाएंगे और कामाख्या मंदिर और उनके घर को इस तरह के अतिक्रमण से बचाने की पूरी कोशिश करेंगे। यदि जनसंख्या विस्फोट जारी रहा, तो एक दिन प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर की भूमि पर भी अतिक्रमण कर लिया जाएगा, यहां तक ??कि मेरा घर भी अतिक्रमण कर लिया जाएगा। एक राज्य के मुख्यमंत्री के लिए यह अशोभनीय है, जिनके जनसांख्यिकीय तथ्यों से अच्छी तरह वाकिफ होने की उम्मीद की जानी चाहिए।' (IANS)