समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के लिए 191 उम्मीदवारों की सूची जारी तो कर दी लेकिन इससे कांग्रेस की भवें तनना तय है। ऐसा इसलिए कि एक तरप जहां कांग्रेस और सपा में चुनावी गठबंधन अंतिम रुप में माना जा रहा है वही इस लिस्ट सपा ने कांग्रेस के 9 सीटिंग विधायकों के खिलाफ भी अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं।
सपा ने शामली में मनीष चौहान को खड़ा कर दिया जबकि यहां से कांग्रेस के पंकज मलिक चुनाव जीते थे। हापुड़ सीट भी कांग्रेस के पास थी। यहां गजराज सिंह mla थे लेकिन यहां अखिलेश यादव ने तेजपाल को उम्मीदवार बना दिया है। इसी तरह खुर्जा सीट से कांग्रेस के बंशी पहाड़ियां विधायक थे जबकि अखिलेश यादव ने अपनी सूची में नंदकिशोर बाल्मीकि का नाम डाल दिया है।
रामपुर की स्ववार सीट से कांग्रेस के नवाब काजिम अली खां विधायक थे, जोकि बीएसपी में चले गए थे। इस सीट से अखिलेश ने आज़म खान के बेटे अब्दुल आजम को टिकट दे दिया है। वही मथुरा की सीट भी कांग्रेस के पास थी यहाँ कांग्रेस के प्रदीप माथुर विधायक थे यहाँ से अखिलेश यादव ने अशोक अग्रवाल को टिकट दे दिया है। कानपुर के किदवईनगर से अजय कपूर कांग्रेस के सिटींग विधायक थे। अखिलेश यादव ने इस सीट से ओम प्रकाश मिश्रा को चुनावी मैदान में उतार दिया है। वह पिछली बार भी अजय कपूर के खिलाफ चुनाव लड़े थे। वही रामपुर के बिलासपुर सीट से कांग्रेस के संजय कपूर सेटिंग विधायक थे जबकि अखिलेश की सूची में बिना भारद्वाज का नाम इस सीट से announce कर दिया गया है।
इस तरह से अखिलेश यादव ने प्रथम, द्वितीय और तृतीय चरण की 209 सीटों में से 191 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। अखिलेश यादव ने सिर्फ 18 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है जबकि कांग्रेस इन तीन चरणों के लिए 40 सीटें अखिलेश यादव से मांग रही थी।
दिलचस्प बात ये है कि जिस वक्त कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर लखनऊ जाने के लिए एयरपोर्ट पर थे ठीक उसी वक्त अखिलेश की सूची जारी की गई। इस सूची से कांग्रेस पार्टी के नेता अवाक है गुलाम नबी आजाद दिल्ली में राहुल गांधी के दफ्तर में कांग्रेस नेताओं के साथ गठबंधन के भविष्य पर चर्चा कर रहे हैं।