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मध्य प्रदेश में कांग्रेस का उप-चुनाव के लिए उम्मीदवार खोजो अभियान

मध्य प्रदेश में कांग्रेस उप-चुनाव के जरिए जीत हासिल कर फिर सत्ता में लौटने का मंसूबा बनाए हुए है। पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ कह चुके हैं कि उप-चुनाव में प्रदेश की जनता बिकाऊ लोगों को सबक सिखाएगी।

Reported by: IANS
Published : August 17, 2020 14:24 IST
मध्य प्रदेश में...- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE मध्य प्रदेश में कांग्रेस का उप-चुनाव के लिए उम्मीदवार खोजो अभियान

भोपाल: मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा के 27 क्षेत्रों के उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों की तलाश कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है। पार्टी सक्षम और जनाधार वाले उम्मीदवारों की तलाश में जुटी हुई है क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में अधिकांश इलाकों में जीते उसके तत्कालीन विधायक अब भाजपा के उम्मीदवार बनने वाले हैं। राज्य में कांग्रेस उप-चुनाव के जरिए जीत हासिल कर फिर सत्ता में लौटने का मंसूबा बनाए हुए है। पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ कह चुके हैं कि उप-चुनाव में प्रदेश की जनता बिकाऊ लोगों को सबक सिखाएगी।

विधानसभा उप-चुनाव को लेकर कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है और जनाधार वाले नेताओं की तलाश में लगी है। कांग्रेस अब तक तीन से ज्यादा सर्वेक्षण करा चुकी है। इस सर्वेक्षण में पार्टी ने विधानसभा स्तर पर जातीय समीकरण, पार्टी के दावेदार नेताओं, आवेदन करने वालों के साथ ही उन लोगों के संदर्भ में भी जानकारी जुटाई है जो फिलहाल भाजपा में हैं और असंतुष्ट चल रहे हैं।

कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि उपचुनाव में पार्टी का लक्ष्य जीत होगा और वह उसी व्यक्ति को उम्मीदवार बनाएगी जिसका जनाधार सबसे बेहतर होगा, भले ही वह भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आने वाला नेता ही क्यों न हो। उम्मीदवार चयन के लिए पार्टी की एक्सरसाइज लगातार जारी है और क्षेत्रीय नेताओं से प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ लगातार संवाद और संपर्क भी कर रहे हैं।

कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि यह बात सही है कि पार्टी उम्मीदवार चयन को लेकर सर्वेक्षण करा चुकी है, अभी भी यह क्रम जारी है। उप-चुनाव में जीतने वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाएगा। दल बदल करने वालों को लेकर प्रदेश की जनता में असंतोष है और वह उप-चुनाव में सबक सिखाते हुए कांग्रेस का साथ देगी।

राजनीतिक विश्लेषक अरविंद मिश्रा का कहना है कि आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव राज्य की सियासत के हिसाब से महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये उपचुनाव कांग्रेस के दलबदल करने वाले नेताओं के कारण हो रहे हैं। कांग्रेस दलबदल को ही मुद्दा भी बना रही है। उसके सामने सक्षम उम्मीदवार का चयन बहुत आसान नहीं है, क्योंकि जो जनाधार वाले नेता थे वे भाजपा में जा चुके हैं, फि र भी ऐसा नहीं है कि कांग्रेस के पास अभी जनाधार वाले नेताओं की कमी है, हां उसे चयन सोच समझकर जरुर करना होगा।

राज्य में मार्च माह में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 तत्कालीन विधायकों ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था, जिससे कमल नाथ की सरकार गिर गई थी और भाजपा को सरकार बनाने का मौका मिला। इसके बाद तीन और विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफो देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। वहीं दो विधायकों का निधन होने से स्थान खाली पड़ा हुआ है। इस तरह राज्य में 27 विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव होने वाले हैं।

राज्य की विधानसभा की स्थिति पर गौर किया जाए तो भाजपा पूर्ण बहुमत से अभी नौ अंक दूर है, क्योंकि 230 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 116 विधायकों का समर्थन आवश्यक है। वर्तमान में भाजपा के 107 विधायक हैं। कांग्रेस के 89 विधायक हैं, सपा, बसपा व निर्दलीय मिलाकर सात विधायक हैं। इस तरह 203 विधायक हैं। भाजपा को 27 स्थानों में से सिर्फ नौ स्थानों पर ही जीत मिलने पर पूर्ण बहुमत का आंकड़ा हासिल हो जाएगा।

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