नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए गुरुवार को कहा कि उसके तुच्छ राजनीति हित की वजह से ही वह दीनानगर आतंकवादी हमले पर चर्चा की मंजूरी नहीं दे रही। सदन में विपक्ष के हंगामे के बीच पंजाब के गुरदासपुर जिले के दीनानगर में आतंकवादी हमले को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ ने एक बयान दिया, जिसके बाद बिना चर्चा किए सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
इस बीच वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस के इरादे पर सवाल उठाया।
कांग्रेस पर हमला करते हुए जेटली ने सवाल किया, "सोनिया गांधी को आगे आकर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट करना चाहिए। क्या तुच्छ राजनीति राष्ट्रीय सुरक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है।"
उन्होंने कहा, "क्या वह राष्ट्रीय हित के मुद्दे पर पार्टी के सांसदों को एकजुट होने का निर्देश नहीं दे सकतीं।"
राज्यसभा में दीनानगर आतंकवादी हमले को लेकर गृहमंत्री द्वारा दोपहर दो बजे के आसपास बयान देने के बाद कांग्रेस सदस्यों ने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए, जिसके तुरंत बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
उन्होंने कहा, "गुरदासपुर में आतंकवादी हमले पर गृहमंत्री को एक बयान देना चाहते हैं। यह एक बेहद महत्वपूर्ण बयान है, क्योंकि सीमा पार से लंबे समय बाद हमला हुआ है और संसद का इसपर चर्चा करना बेहद जरूरी है।"
गृहमंत्री ने कहा, "ऐसे समय में जब देश को एक सुर में बोलना चाहिए, हमने आशा नहीं की थी कि कांग्रेस भारत का प्रतिनिधित्व एक विभाजित सदन के रूप करेगी। कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही बाधित करने का निर्णय अपने तुच्छ राजनीतिक हितों के चलते लिया।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाने के बजाय उन्होंने (कांग्रेस) राजनीति को अपनी प्राथमिकता बना ली है। यहां तक कि साल 1993 के मुंबई हमले के दोषी याकूब मेमन की फांसी की सजा पर भी उनके नेताओं के सुर अलग-अलग हैं।"