नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राफेल विमान सौदे के विवाद में एक नया मोड़ लाते हुए सोमवार को इसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई व कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा को घसीटा। भाजपा ने कहा कि फ्रांस के साथ लड़ाकू जेट विमान सौदे में वाड्रा की कंपनी को बिचौलिए के तौर पर स्वीकार नहीं किए जाने के कारण संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने विमान सौदा रद्द कर दिया।
कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पार्टी मुख्यालय में एक प्रेसवार्ता के दौरान संवाददाताओं से कहा, "आपने संजय भंडारी का नाम अवश्य सुना होगा, जो रक्षा सौदे में बिचौलिए का काम करते हैं। उनका नाम पहले इस बात को लेकर प्रकाश में आया कि उन्होंने किस प्रकार वाड्रा के लिए हवाई टिकट का इंतजाम किया था और उन्होंने किस प्रकार अपने घर के आंतरिक सज्जा का काम करवाया था।"
इससे पहले बताया गया कि रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण इस मसले को लेकर मीडिया से बात करने वाली है। उन्होंने कहा, "वह वाड्रा से परिचित हैं और वाड्रा के साथ उनको दुबई के डिफेंस एक्सपो में देखा गया था।"
कांग्रेस की अगुवाई वाली पूर्व की संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने कहा, "वाड्रा, गांधी परिवार और तत्कालीन सरकार चाहती थी कि दसॉ एविएशन के साथ राफेल सौदा वाड्रा की कंपनी ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशन के तहत किया जाए। यह कंपनी 2008 में बनी थी।"
भाजपा नेता ने दावा किया कि वाड्रा की कंपनी रक्षा सौदे में बिचौलिए का काम करती थी। उन्होंने कहा, "वे (वाड्रा और भंडारी) कई रक्षा एक्स्पो में खुद को बतौरत बिचौलिया पेश करते थे। तत्कालीन सरकार चाहती थी कि फ्रांस की कंपनी को इसको (वाड्रा की कंपनी) बिचौलिए के रूप में स्वीकार करना चाहिए। लेकिन इस पर बात नहीं बनी इसलिए दसॉ के साथ सौदा रद्द कर दिया गया।"
उन्होंने कहा कि जब वित्तमंत्री अरुण जेटली ने पूछा कि राफेल सौदा क्यों रद्द किया गया तो तत्कालीन सरकार और कांग्रेस ने इस पर चुप्पी साध ली। उन्होंने कहा, "इसीलिए मैं आज इसका जवाब दे रहा हूं कि इसे वाड्रा के वाणिज्यिक हितों को लेकर रद्द किया गया।"