नई दिल्ली। जिस तरह से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) अपनी विचारधारा और संगठन के कामकाज को देखने के लिए प्रचारक तैयार करता है उसी तर्ज पर कांग्रेस पार्टी अपने संगठन में प्रेरक तैयार करने जा रही है। कांग्रेस पार्टी के प्रेरकों का काम कांग्रेस के संगठन को मजबूत करना और कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देना होगा।
कौन बन सकता है कांग्रेस का प्रेरक?
कांग्रेस पार्टी में सिर्फ उन्हें प्रेरक बनाया जाएगा जिनके पास संगठन का अनुभव होगा और वह कार्यकर्ताओं की जरूरत को समझते हों और उन्हें सम्मान देते हों। प्रेरक बनने के लिए कांग्रेस पार्टी की विचारधारा के प्रति समर्पण होना जरूरी है। पार्टी में ऐसे लोग जो संगठन को समय और अपनी ऊर्जा दे सकें और प्रशिक्षण पर उनका भरोसा हो, वही लोग प्रेरक बन सकेंगे। ऐसे लोग जिनके भीतर समाज में सम्मान और भरोसा जीतने की क्षमता होगी, गुटबाजी से दूर हों, कार्यकर्तों से सम्मानित हों और सभी के साथ बराबरी का व्यव्हार करने की क्षमता हो, उन्हीं को प्रेरक बनाया जाएगा।
कैसे होगा कांग्रेस के प्रेरकों का चुनाव?
प्रेरकों का चुनाव प्रदेश कांग्रेस कमेटी का मुख्य सचिव करेगा और शुरुआत में प्रत्येक डिविजन (4-5 जिले) में 3 प्रेरकों की नियुक्ति होगी जिनमें 1 प्रेरक महिला और 1 प्रेरक अनुसूचित जाती, अनुसूचित जनजाती अन्य पिछड़ा वर्ग या अल्पसंख्यक होना जरूरी है। इसके लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी, ताकी जो लोग प्रेरक बनने के इच्छुक होंगे वे आवेदन कर सकें। आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के ट्रेनिंग प्रतिनिधी राज्यों का दौरा करेंगे और प्रेरक ट्रेनिंग कार्यक्रम के लिए उचित आवेदकों का चुनाव करेंगे। प्रेरकों के लिए 1 हफ्ते का ट्रेनिंग कार्यक्रम होगा और प्रेरक के तौर पर उनकी नियुक्ति तभी होगी जब वे 3 महीने तक जमीनी दौरा करेंगे।
क्या होगा कांग्रेस पार्टी के प्रेरकों का काम?
प्रेरकों की ट्रेनिंग के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी में ट्रेनिंग सचिव प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सुझाव के साथ जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यलय में हर महीने राष्ट्रीय और राज्य के राजनीतिक घटनाक्रमों पर कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा करेंगे, राज्य के लिए ट्रेनिंग कलेंडर तैयार करेंगे, पार्टी में काम लायक लोगों का चुनाव करेंगे और कैंप के आयोजन के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी तथा जिला कांग्रेस कमेटी के साथ मिलकर तारीखों का चुनाव करेंगे।