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शशि थरूर बोले- PM मोदी नब्ज तो सही पकड़ते हैं, लेकिन इलाज गलत करते हैं

थरूर ने पिछले साढ़े चार साल में प्रधानमंत्री के कामकाज की शैली में दिखे विरोधाभासों का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी के जाने का समय आ गया है।

Edited by: India TV News Desk
Published : October 28, 2018 19:54 IST
shashi tharoor
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नई दिल्ली: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में सफल हो सकते थे क्योंकि वह अकसर नब्ज सही पकड़ते हैं लेकिन गलत इलाज के कारण ‘‘नाकाम’’ रहे हैं। उन्होंने पिछले साढ़े चार साल में प्रधानमंत्री के कामकाज की शैली में दिखे विरोधाभासों का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी के जाने का समय आ गया है।

तिरुवनंतपुरम के सांसद ने अपनी नई किताब ‘द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर: नरेंद्र मोदी एंड हिज इंडिया’ को लेकर पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘अब संदेश देने के लिहाज से देरी हो चुकी है। संदेश है कि श्रीमान मोदी, माफी चाहेंगे, आप नाकाम हुए हैं। अब जाने का समय है।’’

शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किताब का विमोचन किया था। हालांकि पूर्व केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने कहा कि मोदी अगर आर्थिक विकास और उन वादों पर सचमुच में ध्यान देते जिनके कारण उन्हें 2014 (आम चुनाव) में जीत मिली, तो वह प्रधानमंत्री के रूप में सफल होते। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति और आर्थिक विकास में आमूलचूल बदलाव लाने के वादे पर ध्यान देने की बजाए मोदी ने अपने वोट बैंक पर ध्यान दिया और उन तत्वों को खुली छूट दी जो पीट पीटकर हत्या करने, गोरक्षा के नाम पर हिंसा और अल्पसंख्यकों एवं दलितों पर हमले में शामिल हैं।

थरूर ने हिंसा की इन घटनाओं पर मोदी की चुप्पी की भी आलोचना की और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से उनकी तुलना की जिन्होंने अमेरिकियों पर हुए हर हमले को लेकर देश को संबोधित किया था। उन्होंने कहा, ‘‘अगर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जनाधार में शामिल कट्टर तत्वों पर लगाम लगाने पर ध्यान दिया होता और सचमुच में आर्थिक विकास पर ध्यान दिया होता, भारतीयों का जीवन सुधारने और ‘सबका साथ, सबका विकास’ पर ध्यान दिया होता तो वह सफल होते क्योंकि वह अकसर नब्ज सही पकड़ते हैं।’’

थरूर ने किताब में प्रधानमंत्री के ‘‘आधार एवं खुदरा क्षेत्र में एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) सहित कई चीजों को लेकर यूटर्न’’ की भी बात की है। उन्होंने कहा, ‘‘वह एक शानदार वक्ता हैं लेकिन दलितों के साथ बर्बर तरीके से मारपीट, मुसलमानों की हत्या, गोरक्षा के नाम पर हिंसा के समय चुप्पी साध लेते हैं।’’

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