नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को चुनाव आयोग पहुंचा। पार्टी ने आयोग को आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत करते हुए उनके चुनाव प्रचार पर रोक लगाने की मांग की है। कांग्रेस के 4 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को निर्वाचन सदन पहुंचकर चुनाव आयुक्त से मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमण्डल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी, महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, असम प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह और विनीत पूनियां शामिल हुए।
मुलाकात के बाद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री लगातार अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। उपचुनाव में उनकी ओर से जनसभाओं में कई प्रकार के प्रलोभन दिए जा रहे हैं। हमने आयोग को कहा कि असम के मुख्यमंत्री वोटरों को प्रलोभन देकर, इस तरह से चुनाव प्रचार नहीं कर सकते। हमने इस मामले आयोग को सेक्शन 123 (1) रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल ऐक्ट के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। हेमंत बिस्वा सरमा पर पहले भी इस तरह के आरोप लगे हैं। हम चुनाव आयोग से उम्मीद करते हैं कि वह इस मामले में उचित कार्रवाई करेगा।
वहीं, इस मामले में कांग्रेस के असम प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘वहां का प्रशासन बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रहा है। असम की पुलिस है जो विपक्ष के लोगों को धमका रही है। मुख्यमंत्री आचार संहिता का उल्लंघन लगातार कर रहे हैं। वे खुले मंच से चुनाव प्रचार में कह रहे हैं कि जो दूसरी पार्टी से बीजेपी में शामिल होगा उसे दो हजार रुपये दिए जाएंगे। चाय बागान के लोगों को प्रलोभन देने के लिए, बागान के अंदर 1 करोड़ की लागत से सड़क बनाने का वादा किया जा रहा है।’
हालांकि इस मामले में मंगलवार शाम 5 बजे तक मुख्यमंत्री से जवाब मंगा गया था, लेकिन कांग्रेस ने आयोग से उनके चुनाव प्रचार करने की रोक लगाने की मांग की है। जितेंद्र सिंह ने कहा कि इससे पहले 20 अप्रैल 2021 में भी मुख्यमंत्री का एक ऐसा मामला सामने आ चुका है जब उन्होंने चुनाव आयोग के आदेशों का उल्लंघन किया था। उन्होंने कहा कि जो आदमी लगातार इस तरह से उल्लंघन कर रहा है उसके चुनाव प्रचार पर ही रोक लगा देनी चाहिए।