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मध्य प्रदेश: कमलनाथ के आवास पर विधायक दल की बैठक नहीं, सभी प्रेस कॉन्फ्रेंस में साथ बैठेंगे

विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति द्वार 6 मंत्रियों के बाद 16 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद कमलनाथ सरकार नंबर गेम में पिछड़ती हुई नजर आ रही है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: March 20, 2020 11:43 IST
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सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार आज शाम को 5 बजे से पहले मध्य प्रदेश विधानसभा में कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट होना है। PTI File

भोपाल: मध्य प्रदेश की सियासत में बीते कुछ दिनों से भारी उथल-पुथल मची हुई हैं। कांग्रेस के 6 मंत्रियों समेत 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार भारी संकट में दिख रही है। इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर 11 बजे से कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी थी, हालांकि अब यह बैठक नहीं होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सारे विधायक अब प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमलनाथ के साथ बैठेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार आज शाम को 5 बजे से पहले मध्य प्रदेश विधानसभा में कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट होना है।

मीडिया से भी मुखातिब होंगे सीएम कमलनाथ

शुक्रवार की दोपहर 12 बजे मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ मीडिया से मुखातिब होंगे। कमलनाथ की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस विधायक दल की बैठक के ठीक बाद होनी थी। हालांकि अब बैठक नहीं होनी है ऐसे में विधायक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही कमलनाथ के साथ बैठेंगे। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम कमलनाथ सरकार को लेकर फ्लोर टेस्ट से पहले कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति द्वार 6 मंत्रियों के बाद 16 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद कमलनाथ सरकार नंबर गेम में पिछड़ती हुई नजर आ रही है। ऐसे में सूबे में एक बार फिर से बीजेपी की सरकार बनने के आसार नजर आ रहे हैं।


क्या है एमपी में सरकार बनाने का नंबर गेम?
2 विधायकों की मौत और 22 बागी विधायकों के इस्तीफे के बाद 230 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या घटकर 206 रह गई है। विधायकों क इस्तीफे के बाद कांग्रेस का संख्या बल घटकर 91 (स्पीकर को मिलाकर 92) रह गया है। ऐसे में यदि निर्दलीय (4) और बीएसपी (2) और एसपी (1) का समर्थन रहता है तो कमलनाथ सरकार के पास 99 (स्पीकर को मिलाकर) विधायकों का समर्थन रहेगा। इस तरह कमलनाथ सरकार का बहुमत के 104 तक के आंकड़े तक पहुंचना मुश्किल लग रहा है। गौरतलब है कि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं जो सरकार बनाने के लिए पर्याप्त हैं।

सिंधिया के बीजेपी में जाते ही टूटी कांग्रेस
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के बड़े नेताओं में शुमार ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन करने से कमलनाथ सरकार के सामने दिक्कत पैदा हुई। सिंधिया के जाने के साथ ही 6 मंत्रियों समेत 22 विधायकों ने विरोध का बिगुल बजा दिया और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज शाम को फ्लोर टेस्ट होने वाला है जिसके बाद साफ हो जाएगा कि 'हिंदुस्तान का दिल' कहलाने वाले प्रदेश में कमलनाथ सरकार होगी या फिर बीजेपी सत्ता में वापसी करेगी।

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