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नई दिल्ली. कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने रविवार को कहा कि यह उपयुक्त समय है जब उनकी पार्टी को ‘‘चयन या चुनाव’’ के जरिये अपना एक पूर्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त करना चाहिए। साथ ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वरिष्ठ नेताओं की सदस्यता वाली कांग्रेस कार्यसमिति को नेतृत्व के मुद्दे का पहले ही हल कर लेना चाहिये था, जिसका वह अब प्राथमिकता के आधार पर समाधान कर रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी में ''दिशाहीनता की भावना'' है। साथ ही यह भावना भी है कि ‘हमें अंतरिम अध्यक्ष के नेतृत्व में काम करते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है।’
पूर्व सांसद दीक्षित ने ''पीटीआई-भाषा'' को दिये साक्षात्कार में कहा कि उनकी किसी व्यक्ति को लेकर कोई ''तय राय'' नहीं है और राहुल गांधी या किसी अन्य को ''चयन या चुनाव'' की प्रक्रिया के जरिये नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि पार्टी को एक पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत है।
दीक्षित की यह टिप्पणी इसलिए मायने रखती है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी का कार्यकाल का अगस्त की शुरुआत में एक साल पूरा होने वाला है और पार्टी आगे का रास्ता तय करने को लेकर असमंजस में रही है।
उन्होंने कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में जाने के लिये ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट पर भी निशाना साधा। दीक्षित ने कहा कि पार्टी में लड़ाई युवा बनाम वरिष्ठ के बीच नहीं, बल्कि बलपूर्वक सबकुछ हासिल करने वालों और मेहनत कर के कुछ पाने वाले लोगों के बीच है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ''मैं बस यही कहना चाहुंगा कि श्रीमती (सोनिया) गांधी (अध्यक्ष के तौर पर) बहुत अच्छा और सरहानीय काम कर रही हैं। इससे पहले, जब उन्होंने अध्यक्ष पद छोड़ा था तो उसका एक कारण यह भी था कि उन्हें लगा था कि अब उन्हें पृष्ठभूमि में रहना चाहिये और अन्य लोग आगे आकर नेतृत्व करें। उनके बाद राहुल गांधी ने पार्टी की बागडोर संभाली थी।''
दीक्षित (55) ने कहा, ''फिलहाल अंतरिम अध्यक्ष की व्यवस्था है। अंतरिम एक बेहद उलझाऊ शब्द है क्योंकि आप जानते हैं कि अगर आप अंतरिम अध्यक्ष हैं तो कांग्रेस के लिये दीर्घकालिक फैसले नहीं ले पाएंगे। लिहाजा, यह उपयुक्त समय है कि हमें एक पूर्ण अध्यक्ष मिले, चाहे वह कोई भी हो।''
उन्होंने कहा कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता यह चयन के जरिये किया जाए या फिर चुनाव की प्रक्रिया से। उन्होंने कहा, ''हमें पूर्णकालिक अध्यक्ष चाहिये। चाहे वह कोई भी हों, या फिर (राहुल) गांधी ही क्यों न हो, यह कोई मुद्दा नहीं है। राजनीतिक दल की विचारधारा और सामूहिक नेतृत्व से ही पार्टी बनती है।''