नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार के करीबी रहे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। इंडिया टीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कमलनाथ ने गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी से 10 जनपथ में मुलाकात की। हालांकि कमलनाथ को पार्टी में क्या जिम्मेदारी मिलती है इसके बारे में अभी खुलासा नहीं हुआ है।
कमलनाथ को गांधी परिवार का करीबी समझा जाता है, पूर्व में कमलनाथ इंदिरा गांधी, संजय गांधी और राजीव गांधी के साथ काम कर चुके हैं। कांग्रेस पार्टी में कमलनाथ का कद काफी ऊपर है और यही वजह थी जब मध्य प्रदेश के लिए राहुल गांधी को कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया में से मुख्यमंत्री चुनना था तो उन्होंने कमलनाथ पर भरोसा जताया था।
बता दें कि अभी कुछ ही दिन पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं की यह मुलाकात करीब आधा घंटा चली थी। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात पवार के निवास पर हुयी। उनकी यह मुलाकात ऐसे दिन हुई थी जब पवार ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक को गैर-कांग्रेसी तीसरे मोर्चे के गठन के प्रयास के तौर पर भी देखा जा गया था। दोनों नेताओं की इस मुलाकात से नई अटकलों को हवा मिली थी।
इससे पहले कांग्रेस ने बुधवार को सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई पार्टी के संसदीय रणनीति संबंधी समूह की बैठक में फैसला किया था कि वह संसद के मॉनसून सत्र में राफेल विमान सौदे की फ्रांस में हो रही जांच, कोरोना महामारी, टीकाकरण की ‘धीमी गति’, किसान आंदोलन और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरेगी। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व की ओर से पार्टी की संसदीय टीम में किसी तरह के बदलाव का संकेत नहीं दिया गया। पिछले कुछ दिनों से ऐसी चर्चा है कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को हटाया जा सकता है।
संसदीय रणनीति संबंधी समूह की इस बैठक में सोनिया के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, उप नेता गौरव गोगोई, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, उप नेता आनंद शर्मा, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, राज्यसभा सद जयराम रमेश, लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी, के. सुरेश और मणिकम टैगोर शामिल हुए थे।