बिहार में कांग्रेस की दुर्दशा के बाद एक बार फिर पार्टी में बगावती सुर बुलंद हो रहे हैं। वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल की ओर से नेतृत्व पर उठाए सवालों से कांग्रेस की अंतर्कलह एक बार फिर जगजाहिर हो गई है। नेतृत्व की उदासीनता पर सवाल उठाने वाले सिब्बल अब खुद ही कांग्रेस हाईकमान के समर्थकों के निशानेे पर आ गए हैं। गांधी परिवार के नेतृत्व निष्ठा व्यक्त करते हुए लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सिब्बल पर जोरदार हमला बोला है। इससे पहले सलमान खुर्शीद, राजीव शुक्ला से लेकर युवा ब्रिगेड के सांसद मणिक्कम टैगोर ने भी सिब्बल पर निशाना साधते हुए हाईकमान का बचाव किया।
अधीर रंजन चौधरी ने सीधे सिब्बल पर हमला बोलते हुए कहा कि कपिल सिब्बल ने इस बारे में पहले भी बात की थी। वह कांग्रेस पार्टी और आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता के बारे में बहुत चिंतित हैं। लेकिन हमने बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, या गुजरात के चुनावों में उनका चेहरा नहीं देखा। अगर कपिल सिब्बल बिहार और मध्य प्रदेश में चले जाते, तो वे साबित कर सकते थे कि जो वह कह रहे हैं वह सही है और उन्होंने कांग्रेस की स्थिति को मजबूत किया। मेरी बात से कुछ हासिल नहीं होगा। बिना कुछ किए बोलने का मतलब आत्मनिरीक्षण नहीं है।
चौधरी ने कहा कि अगर पार्टी को लेकर उनकी चिंता इतनी ही गहरी है तो उन्होंने खुद इस दिशा में क्या जिम्मेदारी निभाई है। 2019 चुनाव के बाद राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया और गांधी परिवार से बाहर के व्यक्ति को पार्टी की कमान सौंपने की पेशकश की। अधीर ने निशाना साधते हुए कहा कि सोनिया और राहुल गांधी के इरादों पर सवाल नहीं उठाया जा सकता और एसी कमरे में बैठकर उपदेश देने की बजाय सिब्बल को मैदान में उतरकर काम करना चाहिए।