नयी दिल्ली: भाजपा ने कर्नाटक की सरकार गिराने की कोशिश करने के कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि सत्तारूढ़ सहयोगी पार्टियों कांग्रेस और जद (एस) की अंदरूनी कलह राज्य में नई राजनीतिक अस्थिरता के लिए जिम्मेदार है। भाजपा के मीडिया प्रमुख एवं राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ सहयोगियों के विधायकों के इस्तीफे के मामले में उनकी पार्टी की कोई भूमिका नहीं है। इस घटना ने राज्य की एच डी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली सरकार के अस्तित्व पर प्रश्न खड़ा कर दिया है।
बलूनी ने कहा,‘‘वास्तविकता यह है कि कांग्रेस के भीतर और उसका जद (एस) के साथ राजनीतिक श्रेष्ठता का संघर्ष है। सिद्धरमैया नहीं चाहते कि कुमारस्वामी की सरकार चले । पूरी अस्थिरता का कारण यही द्वेषपूर्ण अंदरूनी राजनीति है।’’ कांग्रेस नेता सिद्धरमैया कुमारस्वामी के पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। गौरतलब है कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के 13 विधायकों ने शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इससे राज्य में मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली महज साल भर पुरानी सरकार खतरे में पड़ गई है।
यदि इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो सत्तारूढ़ गठबंधन (जिसके 118 विधायक हैं) 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत खो देगा। वहीं, भाजपा के 105 विधायक हैं।कर्नाटक भाजपा प्रमुख बी एस यदियुरप्पा ने भी कहा है कि उनकी पार्टी का इन इस्तीफों से कोई लेना देना नहीं है।