बेंगलुरू: कर्नाटक में कांग्रेस ने अपनी विधायक दल की बैठक में अनुपस्थित रहने वाले चार विधायकों को रविवार को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा कि दलबदल विरोधी कानून के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों ना की जाए। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों को नोटिस भेजे गए हैं उनमें रमेश जारकीहोली, बी नागेंद्र, उमेश जाधव और महेश कुमाताहल्ली हैं। जारकीहोली को हाल ही में मंत्रिमंडल फेरबदल में मंत्री पद से हटाया था और वह इसे लेकर अत्यधिक नाखुश बताए जा रहे थे।
चारों विधायक के शुक्रवार को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में शामिल नहीं होने से पार्टी में दरार सामने आ गई। राज्य में जद(एस) के साथ पार्टी की गठबंधन सरकार को गिराने की भाजपा की कथित कोशिश के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन के तौर पर यह बैठक बुलाई गई थी। इन चार विधायकों की अनुपस्थिति से सात महीने पुरानी कांग्रेस-जद(एस) सरकार पर अभी कोई खतरा नहीं है लेकिन साथ ही यह संकेत दिए कि कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है और वह अब भी असंतोष का सामना कर रही है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने जारकीहोली से उन मीडिया रिपोर्टों पर भी स्पष्टीकरण मांगा है कि वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं और साथ ही दिल्ली तथा मुंबई में भगवा पार्टी के नेताओं से मुलाकात को लेकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। उनसे यह पूछा गया है कि उन्होंने इन खबरों का खंडन करने के लिए अभी तक कोई बयान जारी क्यों नहीं किया। सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘आपके व्यवहार से लग रहा है कि आप भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्यता स्वेच्छा से छोड़ देंगे। आप कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर विधायक निर्वाचित हुए और संविधान के तहत पार्टी की सदस्यता नहीं छोड़ सकते।’’
बैठक के मद्देनजर कांग्रेस विधायक दल के नेता ने सभी पार्टी विधायकों को चेतावनी दी कि उनकी अनुपस्थिति को ‘‘गंभीरता’’ से लिया जाएगा और दलबदल विरोधी कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सीएलपी बैठक के तुरंत बाद कांग्रेस विधायकों को भाजपा की सरकार गिराने की कथित कोशिश के जवाब में शहर के बाहर एक रिजॉर्ट में ले जाया गया। बैठक में 76 विधायक शामिल हुए। गुड़गांव में एक लक्जरी होटल में ठहरे हुए भाजपा विधायक गत रात घर लौट आए।