बेंगलुरु: जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) के सुप्रीमो एच डी देवगौड़ा ने आज कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश के बाद उन्होंने राज्य में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार का समर्थन करने की पेशकश की थी, लेकिन कांग्रेस ने ही एच डी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाने पर जोर दिया।
देवगौड़ा ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत के साथ करीब घंटे भर चली चर्चा में उन्हें बताया गया कि कांग्रेस आलाकमान ने कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन देने का फैसला किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ‘‘कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत और मेरे बीच चर्चा हुई थी। मैंने उनसे कहा कि आप (सरकार) बनाएं, मुझे कोई समस्या नहीं है। उन्होंने जोर दिया कि कुमारस्वामी ही मुख्यमंत्री बनें और यह उनके आलाकमान का फैसला है।’’ विभागों के बंटवारे और किसानों की कर्ज माफी के मुद्दों पर नवगठित कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन में मतभेदों की खबरों के बीच देवगौड़ा ने संकेत दिए किसानों को राहत देने के वादे को पूरा करना मुश्किल होगा।
गौरतलब है कि मतभेदों के कारण ही अब तक कुमारस्वामी मंत्रिपरिषद का विस्तार नहीं हो सका है। उन्होंने कहा, ‘‘कैसे? 37 सदस्यों (जेडीएस के विधायकों) के साथ हमें दूसरी पार्टी के समर्थन से सरकार चलानी है। हमें उनके कार्यक्रमों को भी जारी रखना होगा। उनके समर्थन के बगैर यह मुश्किल है।’’
जेडीएस प्रमुख ने कहा, ‘‘लिहाजा, उन्होंने (कुमारस्वामी ने) कहा कि जरूरत पड़ने पर मैं इस्तीफा दे दूंगा। वह कांग्रेस के रहमोकरम पर हैं, 6.5 करोड़ लोगों के रहमोकरम पर नहीं।’’ कुमारस्वामी ने सत्ता में आने के 24 घंटों के भीतर किसानों के कुल 53,000 करोड़ रुपए के कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन अब वह गठबंधन की मजबूरियां गिनाकर और राज्य की वित्तीय स्थिति का आकलन करके मोहलत मांग रहे हैं।