Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. घर छोड़ कर मत जाओ... ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए कांग्रेस ने लिखी कविता

घर छोड़ कर मत जाओ... ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए कांग्रेस ने लिखी कविता

मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर हेंडल पर लिखी गई कविता में हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया को टैग तो नहीं किया गया है और न ही उनका नाम लिखा है लेकिन कविता जिस अंदाज में लिखी गई है उससे साफ जाहिर हो रहा है कि वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए ही है

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : March 11, 2020 13:06 IST
Congress inked 14 line poem and urge Jyotiraditya Scindia to not leave the house
Image Source : JYOTIRADITYA TWITTER Congress inked 14 line poem and urge Jyotiraditya Scindia to not leave the house

भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलों के बीच कांग्रेस की तरफ से ज्योतिरादित्य को मनाने का एक बार फिर से प्रयास किया गया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए 14 लाइनों की कविता लिखी है और उस कविता में ज्योतिरादित्य सिंधिया से 'घर' छोड़कर नहीं जाने की गुहार लगाई है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हेंडल से इस कविता को लिखा गया है। 

मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर हेंडल पर लिखी गई कविता में हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया को टैग तो नहीं किया गया है और न ही उनका नाम लिखा है लेकिन कविता जिस अंदाज में लिखी गई है उससे साफ जाहिर हो रहा है कि वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए ही है। कविता के साथ एक फोटो भी शेयर की गई है जिसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई को एक मुठ्ठी में दर्शाया गया है। कविता की लाइनें इस तरह से हैं। 

सम्मान-सौहार्द का,

ये मंज़र न मिलेगा,
घर छोड़ कर मत जाओ,
कहीं घर न मिलेगा।

याद बहुत आयेंगे,
रिश्तों के ये लम्बे बरस,
साया जब वहाँ कोई,
सर पर न मिलेगा।

नफ़रत के झुंड में,
आग तो मिलेगी बहुत,
पर यहाँ जैसा कहीं,
प्यार का दर न मिलेगा।

घर छोड़कर मत जाओ,
कहीं घर न मिलेगा।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement