विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सोमवार को तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों का शपथग्रहण समारोह का आयोजन हुआ। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ ने सोमवार दोपहर मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें शहर के जम्बूरी मैदान में एक भव्य समारोह में शपथ दिलाई। कमलनाथ ने हिन्दी में शपथ ली और अकेले शपथ ग्रहण किया। उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले मंत्रियों को बाद में शपथ दिलाई जाएगी।
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित संप्रग के कई दिग्गज नेता मौजूद थे, जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी, द्रमुक नेता एम के स्टालिन, तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, नेशनल कांफ्रेस के नेता फारूख अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी शामिल हैं। कार्यक्रम में बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भी आना था लेकिन किन्हीं कारणों से दोनों नहीं आ सके। इस भव्य समारोह से पहले मैदान में सर्वधर्म प्रार्थना हुई। कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के बाद राज्यपाल आनंदीबेन वहां से रवाना हो गई।
शपथ ग्रहण समारोह में सोमवार की सुबह राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले अशोक गहलोत, राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख राजबब्बर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, राजीव शुक्ला, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, मध्यप्रदेश से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्वियज सिंह, वरिष्ठ नेता अजय सिंह, और सुरेश पचौरी सहित अनेक प्रमुख नेता, साधु संत और सभी धर्मो के प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के तीन पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान, कैलाश जोशी और बाबूलाल गौर भी मौजूद थे। शपथ ग्रहण से पहले मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक साथ हाथ उठाकर जनता का अभिवादन किया।
राजस्थान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में और उनके साथ नयी सरकार में बतौर उप-मुख्यमंत्री शामिल हुए सचिन पायलट ने सोमवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कई अन्य विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में जयपुर के अल्बर्ट हॉल में दोनों नेताओं का शपथ ग्रहण कार्यक्रम संपन्न हुआ। गहलोत तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने हैं। राज्य में तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने वाले वह चौथे नेता हैं। गहलोत से पहले भैंरो सिंह शेखावत और हरिदेव जोशी तीन-तीन बार मुख्यमंत्री रहे। हालांकि मोहन लाल सुखाड़िया सबसे अधिक चार बार इस पद पर रहे। गहलोत 1998 में पहली बार और 2008 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने थे।
इंदिरा गांधी के समय से राजनीति में सक्रिय गहलोत केंद्र में मंत्री भी रहे हैं। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कई अहम पदों पर रह चुके गहलोत तीन बार कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं। गहलोत ने राजनीति के अलावा 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी शरणार्थियों के शिविरों में काम किया और कई सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहे। उप मुख्यमंत्री बने पायलट फिलहाल राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं। वह लोकसभा सदस्य और मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वह अपने जमाने में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत राजेश पायलट के पुत्र हैं। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद के चयन को लंबी खींचतान हुई। गहलोत और पायलट दोनों इस पद की दौड़ में शामिल थे। मैराथन बैठकों और गहन मंथन के बाद 14 दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष ने गहलोत को मुख्यमंत्री और पायलट को उप मुख्यमंत्री नामित करने का फैसला किया।
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के अलावा तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) के नेता एन चंद्रबाबू नायडू, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, द्रमुक नेता एमके स्टालिन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एवं जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी, राजद नेता तेजस्वी यादव, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी शामिल हुए। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, भूपेंद्र हुड्डा, सिद्धरमैया, आनंद शर्मा, तरुण गोगोई, नवजोत सिंह सिद्धू, अविनाश पांडे सहित कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेतागण भी शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पहुंचे। शपथ ग्रहण समारोह में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी शामिल हुईं।
छत्तीसगढ़
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रायपुर के बलबीर जुनेजा इंडोर स्टेडियम में भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। बघेल ने हिंदी में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। बघेल के साथ उनके सहयोगी ताम्रध्वज साहू और टी एस सिंहदेव ने भी मंत्री पद की शपथ ली। सिंह देव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। वह अंबिकापुर से विधायक हैं। वहीं ताम्रध्वज साहू पिछड़ा वर्ग के वरिष्ठ नेता हैं एवं दुर्ग ग्रामीण सीट से विधायक हैं। साहू दुर्ग लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद भी हैं। भूपेश बघेल कांग्रेस के एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने छत्तीसगढ़ में पार्टी को मजबूत बनाने का काम किया। कांग्रेस ने पिछले 15 वर्षों से सत्तारूढ़ रही भाजपा को सत्ता से हटाया। कांग्रेस को 68 सीटों पर जीत दिलाने में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की बड़ी भूमिका रही है।
57 वर्षीय भूपेश बघेल अन्य पिछड़ा वर्ग के कुर्मी समाज से आते हैं जो राज्य की राजनीति में काफी दखल रखता है। बघेल ने वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद सम्हाला था और पांच वर्ष तक वह लगातार मेहनत करते रहे। इन पांच वर्षों के मेहनत के बाद कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने में सफल रही है। राज्य में भूपेश बघेल की छवि तेज तर्रार नेता की है जिन्होंने नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंह देव के साथ मिलकर लगातार हार के कारण निराश संगठन में फिर से नई जान फूंकी। बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 में दुर्ग जिले के सभ्रांत किसान परिवार में हुआ। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत 80 के दशक में की थी। वह लगातार कांग्रेस के कार्यक्रमों और आंदालनों में शामिल होते रहे। बघेल के कार्यों को देखकर पार्टी ने 1993 में उन्हें टिकट दिया और वह पाटन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत गए। बाद में वह 1998 और 2003 में भी क्षेत्र से विधायक रहे। वर्ष 2008 में वह चुनाव हार गए थे।
इस चुनाव में भाजपा के विजय बघेल ने उन्हें हराया था। हार के बाद बघेल को वर्ष 2009 में रायपुर लोकसभा सीट से पार्टी ने उम्मीदवार बनाया लेकिन वह रमेश बैस से चुनाव हार गए। बघेल पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया और वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें जीत मिली। इस वर्ष :वर्ष 2018 में: हुए चुनाव में बघेल ने पाटन विधानसभा सीट से जीत हासिल की है। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायण सामी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, वरिष्ठ नेता शरद यादव, नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा, छत्तीसगढ़ के निवर्तमान मुख्यमंत्री रमन सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, कांग्रेस के विधायक, राज्य के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे।