नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि रेल मंत्री पीयूष गोयल को मंत्री पद से बर्खास्त कर देना चाहिए और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस बात की न्यायिक जांच होनी चाहिए कि उनकी पत्नी की कंपनी ने 10 साल पहले मात्र एक लाख रुपये के निवेश के बाद 30 करोड़ रुपये का लाभ कैसे अर्जित कर लिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सीमा गोयल की कंपनी 'इंटरकॉन एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड' एक लाख रुपये से शुरू हुई थी। इसके बाद कंपनी ने 30 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित कर लिया। कंपनी के कुल 10,000 शेयरों में हर शेयर की कीमत 30,000 रुपये कैसे हो गई?
पार्टी ने कहा, "इन आंकड़ों से तो यह अर्थव्यवस्था के हालिया इतिहास में सबसे ज्यादा लाभ अर्जित करने वाली कंपनी बन गई है।"पार्टी ने कहा, "सच्चाई यह है कि पीयूष गोयल ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया है और उन्हें केंद्रीय मंत्री के पद से तत्काल हटा देना चाहिए।" कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली की खामोशी पर सवाल उठाया।
पार्टी के अनुसार, "मोदी सरकार के स्वघोषित पारदर्शी, जबावदेह और ईमानदारी के दावों की धज्जियां उड़ चुकी हैं।" कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, "निजी फायदे के लिए निर्णय, हानिकारक सौदे, अनियमितताओं और बैंक ऋण घोटालों का ढांचा प्रतिदिन ढहने लगा है।" उन्होंने कहा, "पीयूष गोयल और सीमा गोयल इंटरकॉन एडवाइजर प्राइवेट लिमिटेड के स्वामी हैं। पीयूष ने 13 मई, 2014 (मंत्री बनने से तुरंत पहले) को अपने पद से इस्तीफा देकर अपने शेयर अपनी पत्नी को दे दिए थे।"
उन्होंने कहा, "वर्तमान में सीमा गोयल के पास 9,999 शेयर हैं और बचा हुआ एक मात्र शेयर उनके बेटे ध्रुव गोयल के पास है। यह पूरी तरह से पारिवारिक स्वामित्व वाली पार्टी है।" खेड़ा ने कहा, "पीयूष गोयल और उनके परिवार ने साल 2007-08, 2008-09, 2014-15 और 2016-17 में अपनी कंपनी की पूरी आय के स्रोत का कोई स्पष्ट विवरण नहीं दिया।"