नई दिल्ली: कांग्रेस ने केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल को हटाने की शनिवार को मांग करते हुए आरोप लगाया कि उनकी कंपनी द्वारा किया गया वित्तीय लेन देन ‘‘लाभ पहुंचाने की दागदार कथा , शुचिता का घोर उल्लंघन तथा हितों का टकराव ’’ है वहीं भाजपा ने इन आरोपों को आधारहीन तथा दुर्भावनापूर्ण करार देते हुए खारिज कर दिया। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने दावा किया कि नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्री के रूप में पद संभालने के चार माह बाद गोयल ने फ्लैशनेट इन्फो सॉल्यूशन्स ( इंडिया ) लिमिटेड की अपनी पूर्ण हिस्सेदारी पीरामल ग्रुप को बेच दी। उन्होंने कहा कि गोयल और उनकी पत्नी के स्वामित्व वाली हिस्सेदारी को पीरामल समूह की कंपनी को करीब 1000 प्रतिशत प्रीमियम पर बेचा गया और इस समूह का अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में रूचि है।
पार्टी ने एक बयान जारी करके कहा , ‘‘ पिछले माह कांग्रेस पार्टी ने पीयूष गोयल के वैध व्यापारिक लेन देन के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाते हुए उन्हें निशाना बनाया था। बिना ठोस तथ्यों के और केवल झूठे विवाद पैदा करने की मंशा से चलाए गए आधारहीन अभियान का लक्ष्य तुच्छ राजनीतिक लाभ लेना था। ’’ बयान में कहा गया , ‘‘ जिस दिन वह मंत्री बने उन्होंने सभी पेशेवर / व्यापारिक गतिविधियां बंद कर दी , निदेशक पदों से इस्तीफ दे दिया और अपने सभी निवेश को बेचने की प्रक्रिया शुरूकर दी। ’’पार्टी ने कहा कि गोयल पर हमला अपने नेताओं के घोटालों पर से ध्यान हटाने के लिए किया गया है जिसका उनके पास कोई जवाब नहीं है।