नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने चुनावों में जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस को एक नया फॉर्म्यूला सुझाया है। उन्होंने राज्य में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के बीच गठबंधन की जरूरत पर जोर देते हुए कहा है कि अगर दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़े तो हारने और अप्रासंगिक होने का खतरा है, इसलिए दोनों दलों के नेतृत्व को त्याग करना होगा ताकि भारतीय जनता पार्टी को रोका जा सके। बीजेपी-शिवसेना गठबंधन में कड़वाहट के सवाल पर चव्हाण ने कहा कि यह सिर्फ नाटक है क्योंकि बीजेपी कभी भी शिवसेना का साथ नहीं छोड़ेगी और चुनाव के समय किसी न किसी तरह उसे साथ ले लेगी ताकि हिंदुत्ववादी वोटों के बंटवारे को रोका जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि किसानों और बेरोजगारी के मुद्दों पर भाजपा सरकार को घेरना होगा। राज्य में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के बीच गठबंधन पर उन्होंने कहा कि सीटों के तालमेल को लेकर दोनों पार्टियों के बीच अड़चनें हैं, लेकिन उनको दूर करने के लिए दोनों के नेतृत्व को परिपक्वता दिखानी होगी। कांग्रेस के 84वें महाधिवेशन से इतर पार्टी के वरिष्ठ नेता चव्हाण ने कहा, 'दोनों (कांग्रेस और NCP) के साथ आए बिना काम नहीं चलेगा। अगर अलग लड़ेंगे तो बीजेपी शायद आगे निकल जाएगी क्योंकि वह हिंदुत्व की राजनीति कर रही है। वोटों का बंटवारा रोकने के लिए समान विचार वाले दलों को साथ आना होगा। महाराष्ट्र में दोनों के सामने कोई विकल्प नहीं है। दोनों को साथ आना होगा। साथ नहीं आए तो दोनों हार जाएंगे और अप्रासंगिक हो जाएंगे। सबसे ज्यादा छोटी पार्टियां अप्रासंगिक हो जाएंगी।'
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'जब चुनाव होंगे तो किस तरह से सीटों का बंटवारा होगा, इसको लेकर अड़चने हैं, यह बात मैं मानता हूं। दोनों तरफ के नेतृत्व को परिपक्वता दिखानी होगी।' उन्होंने यह भी कहा कि सीटों के तालमेल के संदर्भ में दोनों दलों को त्याग करना चाहिए। गौरतलब है कि साल 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में दोनों पार्टियां अलग लड़ी थीं और इसी के साथ दोनों का 15 साल पुराना तालमेल टूट गया था। कांग्रेस ने महाधिवेशन में शनिवार को राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया जिसमें समान विचारधारा वाली पार्टियों से गठबंधन की पैरवी की गई है।