नयी दिल्ली: कांग्रेस और भाजपा ने चीन एवं उसकी कंपनियों के साथ कथित संबंधों के लेकर शुक्रवार को एक दूसरे पर निशाना साधा। भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा एवं पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने उच्चतम न्यायालय की एक टिप्पणी का हवाला देते हुए विपक्षी पार्टी को घेरा तो कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कुछ चीनी कंपनियों का उल्लेख करते हुए सत्तारूढ़ पार्टी को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच 2008 में हुए समझौते के मामले की जांच की मांग वाली याचिका को सुनते हुए उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस ए बोबडे ने कहा, ‘‘हमने कभी नहीं सुना कि एक राजनीतिक दल किसी देश के साथ समझौता कर रहा है।’’ इसी टिप्पणी को लेकर भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी को स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यहां तक उच्चतम न्यायालय भी कांग्रेस और चीन की सरकार के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। श्रीमती गांधी और उनके पुत्र को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। क्या यह इस बात को स्पष्ट करता है कि राजीव गांधी फाउंडेशन को मिले अनुदान के बदले में चीनी कंपनियों के लिए भारतीय बाजार खोले गए जिससे भारतीय कारोबार प्रभावित हुए?’’
इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनाव के दौरान चीन की कंपनियों की सेवा ली जिनको बाद में इसी सरकार ने प्रतिबंधित किया। उन्होंने सवाल किया कि आखिर सत्तारूढ़ पार्टी की ऐसी क्या मजबूरी थी कि उसने चीन की कंपनियों की सेवा ली? खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हिन्दुस्तान ने सोचा था कि एक मज़बूत प्रधानमंत्री चुना जा रहा है, हिन्दुस्तान हैरान है यह देखकर कि इनसे ज्यादा मजबूर प्रधानमंत्री इतिहास ने नहीं देखा। मोदी जी, हम यह जानना चाहते है कि आप की मजबूरी क्या है ?’’ उन्होंने यह सवाल भी पूछा, ‘‘ भारतीय चुनाव में चीन की मदद क्यों ली गई ? भारतीय चुनाव में भारतवासियों का डाटा चीन को क्यों दिया गया ?’’
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी से कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच समझौते से जुड़ी भाजपा की चिंताएं सही साबित हुईं। उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ‘मुख्य साजिशकर्ता’ हैं। पात्रा ने कहा, ‘‘हम उन्हें चुनौती देते हैं। अगर उनकी अंतरात्मा साफ है तो उन्हें सामने आकर सवालों के जवाब देने चाहिए। अगर उनके पास कुछ छिपाने के लिए है तो वो कुछ नहीं बोलेंगे।’’