नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए देश के नाम संबोधन को केवल एक बयानबाजी बताया है। कांग्रेस ने कहा कि इसमें वित्तीय राहत पैकेज या अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कोई भी ठोस कदमों का जिक्र नहीं किया गया है। देश ने 21 दिन का लॉकडाउन माना। देश 20 दिन का लॉकडाउन भी मानेगा। पर नेतृत्व के मायने केवल देशवासियों को जिम्मेदारी का अहसास दिलाना नही, बल्कि सरकार और शासक की जनता के प्रति जबाबदेही व जिम्मेदारी का निर्वहन करना है। बातें बहुत हुई पर कोरोना से लड़ने का रोडमैप क्या है?
अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया प्रधानमंत्री के भाषण में कुछ भी विशेष नहीं था। वित्तीय पैकेज की घोषणा नहीं की गई, कोई विवरण नहीं दिया गया, कोई ठोस बात नहीं है। मध्य वर्ग, गरीब और कारोबारियों के लिए कुछ नहीं कहा गया। उन्होंने सवाल किया लॉकडाउन अच्छा है, लेकिन जीविका का मुद्दा कहां है?
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि हम लॉकडाउन बढ़ाने की मजबूरी समझते हैं। हम इस निर्णय का समर्थन करते हैं। गरीबों को 21+19 दिन के लिए अपना इंतजाम खुद करने के लिए छोड़ दिया गया। देश में धन है, अन्न है लेकिन सरकार न तो उन्हें पैसा देगी और न ही भोजन।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लोगों को बताया कि वह उनसे क्या उम्मीद करते हैं, लेकिन यह नहीं बताया कि सरकार लोगों के लिए क्या कर रही है।