नई दिल्ली। देश महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है और इस अवसर पर बापू की विरासत पर कब्जे को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों के बीच मचा घमासान साफ नजर आ रहा है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जहां महात्मा गांधी के आदर्शो के राष्ट्रव्यापी प्रचार के लिए एक अभियान शुरू किया तो वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भाजपा की इस कवायद को लेकर भगवा पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि मौजूदा सरकार के तहत भारत में जो कुछ हो रहा है, उसे देखकर महात्मा गांधी की आत्मा आहत महसूस कर रही होगी।
भाजपा ने गांधी जयंती के मौके पर देशभर में चार माह तक चलने वाले कार्यक्रमों की योजना बनायी है और अमित शाह इसके केंद्र में हैं। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में अपने संबोधन के बाद ‘गांधी संकल्प यात्रा’ को हरी झंडी दिखाई जबकि बाकी वरिष्ठ नेताओं ने देश के अन्य भागों में ऐसे ही कार्यक्रमों में शिरकत की।
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि नरेन्द्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने गांधी जी के समान ही स्वच्छता को जनांदोलन का रूप दिया है। उन्होंने साथ ही जनता से एकल उपयोग प्लास्टिक का त्याग करने की भी अपील की। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि झूठ फैलाने में लगे लोग बापू के आदर्शो को नहीं समझ सकते। उन्होंने साथ ही दावा किया कि कांग्रेस की एकमात्र ऐसी पार्टी है जो उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करती आ रही है और उनकी विरासत को आगे बढ़ा रही है।
लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने दिल्ली कांग्रेस कार्यालय से लेकर राजघाट तक पार्टी कार्यकर्ताओं के मार्च की अगुवाई की जबकि उनकी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने लखनऊ में एक कार्यक्रम में शिरकत की। राष्ट्रीय राजधानी में अमित शाह के अलावा भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह समेत शीर्ष नेताओं ने सभाओं की अगुवाई की और साथ ही अहिंसा, स्वच्छता, आत्मनिर्भरता तथा खादी के इस्तेमाल सहित बापू के अन्य आदर्शो को अपनाने की शपथ ली।
अमित शाह हालांकि वंशवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने को लेकर कांग्रेस पर बापू के आदर्शो से कथित रूप से हटने का आरेाप लगाते रहे हैं लेकिन बुधवार को वह कांग्रेस पर किसी प्रकार का हमला करने से बचते हुए नजर आए। भाजपा ने इस मौके पर अपने 3,229 सांसदों, विधायकों तथा निर्वाचित प्रतिनिधियों को 15 दिनों तक ‘पदयात्रा’ निकालने को कहा था।
गांधी जयंती से पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दिन को यादगार बनाने के लिए अपनी पार्टी के नेताओं से कार्यक्रमों का आयोजन करने को कहा था। भाजपा पर अक्सर गांधी के आदर्शो के नाम पर केवल जबानी जमाखर्च करने के आरोप लगते रहे हैं और इसीलिए भगवा पार्टी ने इस अवसर को बड़े पैमाने पर मनाने और खुद को गांधी की विरासत की चैम्पियन साबित करने का फैसला किया था।
उधर, 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद हाशिये पर पहुंची कांग्रेस के नेताओं ने पदयात्राओं का आयोजन किया और साथ ही भाजपा को भी निशाने पर लिया। सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि भगवा पार्टी जो मर्जी दावा करती रहे, केवल कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो बापू के दिखाए रास्ते पर चल रही है और उसी रास्ते पर चलते हुए लोगों को रोजगार, शिक्षा और किसानों को सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही समाज के वंचित वर्ग के उत्थान में लगी है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने इसी क्रम में कहा, ‘‘जो लोग झूठ की राजनीति करते हैं वे कैसे समझ सकते हैं कि गांधी जी सच्चाई के पुजारी थे? जो लोग सत्ता के लिए किसी भी सीमा तक जाने को तैयार रहते हैं, वे कैसे समझ सकते हैं कि गांधीजी अहिंसा के पुजारी थे ।’’ उन्होंने सत्ता पक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा,‘‘ सत्ता के भूखे लोग कैसे गांधीजी के स्वराज का अर्थ समझ सकते हैं? जो मौका मिलते ही सबसे पहले खुद को सर्वेसर्वा होने का दावा करते हैं, वे गांधी जी की निस्वार्थ सेवा को कैसे समझ सकते हैं?’’
उधर, लखनऊ में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर बरसते हुए कहा कि जो लोग कभी भी महात्मा गांधी के बताए सच्चाई, अहिंसा और सामाजिक समरसता के रास्ते पर नहीं चले, वे आज उनकी 150वीं जयंती मना रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि विभाजन के समय गांधी हिंदूवादी संगठन की ‘‘शाखा’’ में गए थे , उन्होंने स्वयंसेवकों से बातचीत की थी और उनके अनुशासन तथा उनके बीच जाति और नस्ल को लेकर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होने पर खुशी जतायी थी।