नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा चुनावी हलफनामे में गलत तथ्य पेश करने से संबंधित मामले की सुनवाई एक जून को करने का फैसला किया है। अदालत ने शिकायतकर्ता के उपस्थित न होने पर उसके खिलाफ 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। महानगर दंडाधिकारी आकाश जैन ने शिकायतकर्ता अहमर खान को अदालत में पेश न होने पर दिल्ली कानूनी सेवा प्राधिकरण में 1,000 रुपये जुर्माना भरने को कहा है। खान दिल्ली से बाहर होने के कारण पेश नहीं हो पाए और उन्होंने निजी उपस्थिति से बचने की छूट मांगी थी। अदालत ने उनके आवेदन को मंजूर कर लिया लेकिन उन पर जुर्माना भी लगाया गया।
खान ने पिछले महीने ईरानी पर शैक्षणिक योग्यता को लेकर झूठ बोलने के संबंध में कार्रवाई की मांग की थी।
शिकायत के मुताबिक, ईरानी ने 2004 को लोकसभा चुनाव के दौरान दाखिल हलफनामे में खुद को दिल्ली विश्वविद्यालय से 1996 में स्नातक पास बताया था, जबकि 2014 लोकसभा चुनाव के हलफनामे में बताया कि उन्होंने 1994 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.कॉम पार्ट वन की परीक्षा पास की थी।
याचिकाकर्ता के वकील के.के.मेनन ने कहा, "ईरानी के हलफनामे से यह जाहिर है कि शैक्षणिक योग्यता से जुड़ा उनका सिर्फ एक तथ्य ही सही है।"
याचिकाकर्ता ने कहा कि ईरानी ने अपनी संपत्ति के बारे में भी झूठ बोला है और उनके खिलाफ लोक प्रतिनिधि अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की मांग की।