लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि उनकी अपनी कर्मभूमि गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में पिछले साल अगस्त में 24 घंटों के दौरान बड़ी संख्या में बच्चों के मारे जाने की घटना को वहां की ‘आंतरिक राजनीति‘ के कारण तूल मिली थी और ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई थी। मुख्यमंत्री के इस बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि योगी अपनी घोर विफलता को छुपाने के लिए अनर्गल बातें कर रहे हैं।
योगी ने कल यहां पोषण अभियान ओर सुपोषण स्वास्थ्य मेले का उद्घाटन करने के बाद कहा कि पिछले साल 10/11 अगस्त को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी की वजह से बड़ी संख्या में मरीज बच्चों की मौत की खबर सुनकर उन्हें 2 वर्ष पुरानी एक ऐसी ही घटना याद आई थी, जब एक मीडिया रिपोर्टर ने अस्पताल कर्मियों द्वारा वार्ड में ना घुसने देने के कारण उपजी नाराजगी में गलत खबर दे दी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल जब मुझे फिर ऐसी खबर मिली तो मैंने सोचा कि दो वर्ष पहले भी ऐसी बात सामने आई थी, हो सकता है कि यह भी वही मुद्दा हो.... लेकिन जब मैंने देखा कि एक-एक करके सारे चैनल और पूरे मीडिया ग्रुप ने उसको इशू बनाया है तो मैंने यहां से डीजी हेल्थ को गोरखपुर भेजा, रिपोर्ट मांगी। साथ ही मैंने अपने स्वास्थ्य मंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री को भी वहां भेजा और कहा कि वहां जाकर रिपोर्ट करिए।’’
गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में हुई उस घटना पर करीब एक साल बाद खुलकर बोले मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘अगले दिन मैंने अपना वहां (गोरखपुर मेडिकल कॉलेज) का कार्यक्रम बनाया। मैंने लोगों से पूछा कि आखिर क्या मामला है तो कहा गया कि ऐसा कुछ भी मामला नहीं है.... और अगर ऑक्सीजन के अभाव से मौत होती तो सबसे पहले वे बच्चे मरते जो वेंटिलेटर पर थे। मैंने कहा कि कोई बात तो जरूर होगी। ये आंकड़े कहां से आए। पता लगा कि यह वहां की आंतरिक राजनीति थी।’’
योगी ने कहा ‘‘उस घटना के बाद से मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर मरीज नहीं देखते थे। कहते थे कि यह फिर इशू बनेगा। हमें वहां पर चिकित्सकों की काउंसिलिंग करनी पड़ी कि आप कार्य करिए, बाकी चिंता मत करिए। अगर आप अंतःकरण से साफ हैं तो फिर इस प्रकार की चिंता मत करिए।’’
इस बीच, विपक्षी दलों कांग्रेस और सपा ने योगी के इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस प्रवक्ता पी. एल. पुनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी घोर विफलता को छुपाने के लिए अब भी बहाने तलाश रहे हैं। उनका यह कहना कि मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई, अपने आप में हास्यास्पद है। खासकर तब जब उन्हीं की सरकार ने ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कम्पनी के मालिक को इस प्रकरण में गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि योगी बच्चों की मौतों को मेडिकल कॉलेज प्रशासन की आंतरिक राजनीति से जोड़ रहे हैं। ऐसी सियासत से थोड़ी-बहुत ऊंच-नींच तो हो सकती है लेकिन इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत नहीं हो सकती। मुख्यमंत्री को ऐसी बातें शोभा नहीं देतीं।
सपा के विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन ने कहा कि अब जनता खुद तय करे कि वह मुख्यमंत्री की बात को सही माने, या फिर उन लोगों की, जिन्होंने उस त्रासद घटना में अपने बच्चों को खोया। अगर ऑक्सीजन की आपूर्ति रोके जाने से मौतें नहीं हुईं तो आपूर्तिकर्ता कम्पनी के मालिक के खिलाफ कार्रवाई क्यों हुई और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य समेत कई जिम्मेदारान को क्यों गिरफ्तार किया गया।
मालूम हो कि पिछले साल 10/11 अगस्त को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में 24 घंटों के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में 30 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी। आरोप लगाया गया था कि ये मौतें आपूर्तिकर्ता कम्पनी द्वारा भुगतान नहीं होने के कारण ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित किये जाने की वजह से हुईं। हालांकि सरकार शुरू से ही इससे इनकार करती रही। इस मामले में ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता कम्पनी पुष्पा सेल्स के मालिक मनीष भण्डारी और मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य राजीव मिश्रा समेत नौ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था।