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राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश, शिवसेना का रूख साफ नहीं

नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 आज राज्यसभा में पेश कर दिया गया है जिसके बाद अब इस बिल पर चर्चा हो रही है। चर्चा के लिए 6 घंटे का वक्त तय किया गया है जिसके बाद वोटिंग होगी। मोदी सरकार राज्यसभा में अल्पमत में है लिहाजा उसके लिए ये किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। 

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : December 11, 2019 12:03 IST
राज्यसभा में आज पेश होगा नागरिकता संशोधन बिल, शिवसेना का रूख साफ नहीं
राज्यसभा में आज पेश होगा नागरिकता संशोधन बिल, शिवसेना का रूख साफ नहीं

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 आज राज्यसभा में पेश कर दिया गया है जिसके बाद अब इस बिल पर चर्चा हो रही है। चर्चा के लिए 6 घंटे का वक्त तय किया गया है जिसके बाद वोटिंग होगी। मोदी सरकार राज्यसभा में अल्पमत में है लिहाजा उसके लिए ये किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। हालांकि बीजेपी का दावा है कि क्षेत्रिय दलों के समर्थन से इस बिल को पास करवा लिया जाएगा। अगर राज्यसभा से भी नागिरकता संशोधन विधेयक पास होता है तो फिर ये कानून का रूप ले सकेगा। बड़ी बात ये है कि लोकसभा में बिल का समर्थन करने वाली शिवसेना का राज्यसभा के लिए रूख साफ नहीं है। 

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सोमवार को लोकसभा में शिवसेना ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर बीजेपी का साथ देते हुए विधेयक के पक्ष में मतदान किया, पर राज्यसभा में विधेयक का समर्थन करने से पहले शर्त रख दी है। मंगलवार को शिवसेना अध्यक्ष व राज्य के मुखिया मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि नागरिकता विधेयक में स्पष्टता के बगैर शिवसेना राज्यसभा में इसका समर्थन नहीं करेगी। लोकसभा में इस विधेयक को पारित करने के दौरान हमारे सांसदों ने कुछ सवाल उठाए थे।

दो दिन पहले लोकसभा में सरकार ने बड़ी बहुमत से बिल को पास करवाया था। 80 के मुकाबले बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े थे। नंबर गेम में फंसी सरकार की परेशानी को शिवसेना ने और बढ़ा दिया है। राज्यसभा में शिवसेना के 3 सांसद हैं। इन तीन वोटों के दम पर ही शिवसेना सरकार को आंखें तरेर रही है लेकिन बीजेपी इससे बेपरवाह दिख रही है। बीजेपी का दावा है कि वो बिल को बड़ी आसानी से पास करवा लेंगे।

दरअसल ये पूरा खेल अंकगणित का है। राज्यसभा में कुल 245 सीट हैं लेकिन 5 सीट फिलहाल खाली है। यानी सांसदों की संख्या केवल 240 है, ऐसे में बहुमत के लिए 121 सांसदों का समर्थन चाहिए। बीजेपी के पास कुल 83 राज्यसभा सांसद हैं। यानि इस विधेयक को क़ानून की शक्ल देने के लिए बीजेपी को राज्यसभा में 37 और सासंदों का समर्थन जुटाना होगा।

अब अगर वोटिंग के दौरान कुछ सांसद वॉकआउट कर जाते हैं तो बहुमत का आंकड़ा ही कम हो जाएगा। इसके अलावा एआईएडीएमके के 11 सांसद इस बिल पर सत्ताधारी पार्टी का समर्थन करेंगे, अपना ये रुख़ उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है। इनके अलावा बीजेडी के 7, जेडीयू के 6, अकाली दल के 3, नॉमिनेटेड 4 सांसदों और 11 अन्य का समर्थन भी मिल सकता है। इस तरह बीजेपी को 125 सांसदों के समर्थन की उम्मीद है। जिससे ये बिल पास हो सकता है।

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