अहमदाबाद: विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार सुनिश्चित करने को अपने आंदोलन की शीर्ष प्राथमिकता बताते हुए पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने आज कहा कि वह और उनके समर्थक 'न तो बीजेपी के और न ही कांग्रेस के गुलाम हैं'। इंडिया टीवी पर दिनभर चलने वाले कॉन्क्लेव 'चुनाव मंच' में सवालों को जवाब देते हुए उग्र पटेल आंदोलन के नेता ने कहा, 'इस आंदोलन का हमारा मूल उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार को सुनिश्चित करना है। गुजरात में दो मुख्य राजनीतिक दल हैं, बीजेपी और कांग्रेस। जबतक बीजेपी सत्ता में है, हम उसे हराने के लिए काम करेंगे।'
हालांकि हार्दिक पटेल ने अपने रूख में हल्की सी नरमी दिखाते हुए कहा, 'अब भी यदि बीजेपी हमें यह आश्वस्त करती है कि वह हमें संविधान के मुताबिक आरक्षण दे सकती है तो हम अपना आंदोलन खत्म कर देंगे और अगर ऐसा नहीं है तो हमारा आंदोलन जारी रहेगा।'
24 साल के नेता ने कहा कि उनकी उम्र अभी चुनाव लड़ने की नहीं हुई है इसलिए उन्होंने अपने आप को इस दौड़ से बाहर कर रखा है। 'जहां तक पाटीदार आंदोलन का सवाल है हमारे सहयोगी फ्री हैं, वे जहां से चाहें वहां से चुनाव लड़ सकते हैं।'
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के गुजरात आगमन पर उन्होंने सोशल मीडिया पर उनका क्यों स्वागत किया, हार्दिक पटेल ने कहा, 'अगर मोदी जी नवाज शरीफ से मिल सकते हैं तो मैं क्यों नहीं अतिथि देवो भव: की भावना के तहत राहुल गांधी का स्वागत कर सकता हूं?'
हार्दिक पटेल ने कहा, कांग्रेस ने पटेल समुदाय को 20 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव दिया है, जबकि बीजेपी सरकार के 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले को गुजरात हाईकोर्ट पिछले साल रद्द कर चुकी है। 'इस बार हम सबकुछ साफ चाहते हैं। कांग्रेस यह बताए कि वह किस तरह से संविधान के दायरे में हमें 20 फीसदी आरक्षण मुहैया करा सकती है।'
पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता ने कहा, अगर नोटबंदी और जीएसटी आधी रात से लागू हो सकती है तो हमारी विधानसभा क्यों नहीं मध्यरात्रि तक बैठकर आरक्षण के मुद्दे को सुलझा सकती है। राहुल गांधी के प्रति उनके कथित 'नरम रुख' के बारे में पूछे जाने पर हार्दिक पटेल ने कहा, 'राहुल गांधी मेरी मौसी के बेटे नहीं हैं कि उनके प्रति मैं नरम रहूं।'