नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर विपक्ष बंटा हुआ दिखाई दे रहा है। बहुजन समाज पार्टी व शिवसेना मंगलवार को राष्ट्रपति से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं रहे। विपक्ष ने राष्ट्रपति से मिलकर कानून को वापस लेने की मांग की। बसपा नेता सतीश मिश्रा ने कहा कि वह बुधवार को सुबह 10.30 बजे राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे।
कांग्रेस के सहयोगी शिवसेना व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रतिनिधि भी गैरहाजिर रहे। लेकिन कांग्रेस नेताओं ने कहा कि दोनों पार्टियों का कोई नेता प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के लिए दिल्ली में नहीं है।
इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री व शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है। ठाकरे ने मंगलवार को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई की तुलना जलियांवाला बाग नरसंहार से की और छात्रों के साथ इस तरह का व्यवहार करने को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा।
बसपा प्रमुख मायावती ने भी सरकार पर निशाना साधा, लेकिन कांग्रेस को भी नहीं बख्शा। सूत्रों का कहना है कि वह नहीं चाहतीं कि सीएए के खिलाफ विरोध का सारा श्रेय कांग्रेस को जाए और उनकी पार्टी उनके पीछे खड़ी दिखाई दे।
लोकसभा में 10 सांसदों के साथ बसपा उत्तर प्रदेश में भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। लेकिन पार्टी को हाल के विधानसभा उपचुनावों में झटका लगा है। कांग्रेस दो सीटें जीतकर दूसरे नंबर पर रही है।