डोकलाम पर जारी तनातनी के बीच चीन ने एक बार फिर युद्धाभ्यास किया है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने वेस्टर्न चीन में एक पठार पर मिलिट्री ड्रिल की है जिसमें बड़े पैमाने पर जंगी हथियारों का इस्तेमाल किया गया। इसमे स्पेशल फोर्स, आर्मी एविएशन और सशस्त्र सैनिकों ने भाग लिया। इस लाइव फायर ड्रिल में टैंक, हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया। चीनी सैनिकों ने युद्ध की नई तकनीकों का भी अभ्यास किया। कमांडर के आदेश पर टैंकों ने टारगेट को हिट किया वहीं आसमान में उड़ते जंगी जहाजों ने भी बम बरसाए। रात के वक्त जमीन पर कैसे युद्ध लड़ा जाएगा इसका भी अभ्यास किया गया।
भारत भी जुटा मुंहतोड़ जवाब देने में
एक ओर चीनी सैनिक बॉर्डर पर ड्रिल करने में जुटी हुई है वहीं भारतीय सेना भी अपने टैंक को अपग्रेड करने में जुट गई है। सेना अपनी क्षमताएं बढ़ाने के प्रयासों के तौर पर अपने टी-90 मुख्य युद्धक टैंकों को तीसरी पीढ़ी की मिसाइल प्रणाली से लैस कर उन्हें और सक्षम बनाने की परियोजना पर काम कर रही है।मौजूदा समय में टी-90 टैंक लेजर गाइडेड आईएनवीएआर मिसाइल प्रणाली से लैस हैं और सेना ने उसके स्थान पर तीसरी पीढ़ी की मिसाइलों को लगाने का फैसला लिया है। रूस में बने टी-90 टैंक भारतीय सेना के आक्रामक हथियारों का मुख्य आधार है। तीसरी पीढ़ी की मिसाइल लगाने के बाद 800-850 एमएम की डीओपी हासिल होगी और वो दिन के साथ-साथ रात में भी 8 किलोमीटर की दूरी तक के लक्ष्य को निशाना बनाने में सक्षम होगी।
एक ओर भारत अपनी टैंक को अपग्रेड कर रहा है तो वहीं चीन के टैंक की हालत पतली है। मेड इन चाइना टैंक T-96 वही टैंक है जिसके दम पर वो दुनिया के सामने सुपरपावर होने का दम भरता है। इसी टैंक से जंग जीतने की बात करता है। रूस में चल रही थी दुनिया भर के देशों की ताकत की नुमाइश और इस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी ताकत का कैसा फालूदा बना, ये सबके सामने है।