नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा जिले के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर के अंतिम 2 दिन में कम से कम 9 और शिशुओं की मौत हो गई। इसके साथ ही बीते दिसंबर महीने में अस्पताल में मरने वाले शिशुओं की संख्या 100 हो गई है। इस मामले पर अब राजनीति भी तेज हो गई है और विपक्षी दल सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वहीं, बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर नाम लिए बिना हमला बोला है। मायवती ने कहा कि इस मामले पर कांग्रेस नेताओं, खासकर महिला महासचिव की चुप्पी दुखद है।
‘दुखद है पार्टी की महिला महासचिव की चुप्पी’
मायावती ने ट्वीट करते हुए कह, ‘कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से माओं का गोद उजड़ना अति-दुःखद व दर्दनाक है। तो भी वहां के सीएम गहलोत स्वयं व उनकी सरकार अभी भी इसके प्रति उदासीन, असंवेदनशील व गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति-निन्दनीय है।’ यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘किन्तु उससे भी ज्यादा अति दुःखद है कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व खासकर महिला महासचिव की इस मामले में चुप्पी साधे रखना। अच्छा होता कि वह यूपी की तरह उन गरीब पीड़ित माओं से भी जाकर मिलतीं, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही आदि के कारण उजड़ गई हैं।’
‘यूपी की जनता ऐसी कोरी नाटकबाजी से रहे सतर्क’
मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘यदि कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की ‘माओं’ से नहीं मिलती हैं तो यहां अभी तक किसी भी मामले में यूपी पीड़ितों के परिवार से मिलना केवल इनका यह राजनैतिक स्वार्थ व कोरी नाटकबाजी ही मानी जाएगी, जिससे यूपी की जनता को सर्तक रहना है।’ आपको बता दें कि बीते 23-24 दिसंबर को 48 घंटे के भीतर अस्पताल में 10 शिशुओं की मौत को लेकर काफी हंगामा हुआ था। हालांकि, अस्पताल के अधिकारियों ने कहा था कि यहां 2018 में 1,005 शिशुओं की मौत हुई थी और 2019 में उससे कम मौतें हुई हैं।
‘अस्पताल परिसर के भीतर सुअर घूमते पाए गए’
अस्पताल के अधीक्षक के अनुसार अधिकतर शिशुओं की मौत मुख्यत: जन्म के समय कम वजन के कारण हुई। मंगलवार को लॉकेट चटर्जी, कांता कर्दम और जसकौर मीणा समेत बीजेपी सांसदों के एक संसदीय दल ने अस्पताल का दौरा कर उसकी हालत पर चिंता जताई थी। दल ने कहा कि एक ही बेड पर 2-3 बच्चे थे और अस्पताल में पर्याप्त नर्सें भी नहीं हैं। इससे पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्य की कांग्रेस सरकार को नोटिस जारी किया था। आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा था, ‘अस्पताल परिसर के भीतर सुअर घूमते पाए गए।’ राजस्थान सरकार की एक समिति ने कहा कि शिशुओं का सही इलाज किया जा रहा है। (भाषा से इनपुट्स के साथ)