रायपुर: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के कथित बंटवारे की खबरों के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पार्टी आलाकमान से मिलने दिल्ली पहुंच गए हैं। आज राहुल गांधी से उनकी मुलाकात होने वाली है। दिल्ली पहुंचते ही बघेल ने कहा है कि उनकी सरकार को कोई ख़तरा नहीं है। कांग्रेस सरकार को 70 विधायकों का समर्थन हासिल है। दो-तिहाई बहुमत है, सरकार को बिल्कुल ख़तरा नहीं है। राहुल से मुलाकात से पहले दिल्ली पहुंचे छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायकों ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया से मुलाकात की है। ये सभी विधायक पार्टी हाईकमान के सामने अपना पक्ष रखने आए हैं। इन विधायकों को 2 बसों में ली मेरीडियन होटल ले जाया जाएगा।
बता दें कि बघेल नई दिल्ली से बुधवार को ही लौटे थे। राज्य में कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री बघेल के करीबी, पार्टी के कई विधायक और मंत्री बृहस्पतिवार को दिल्ली पहुंच गए थे। वहीं कई विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता आज सुबह दिल्ली के लिए रवाना हुए थे।
इससे पहले रायपुर स्थित स्वामी विवेकानंद विमानतल में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बघेल ने बताया था कि वह आलाकमान के बुलावे पर दिल्ली जा रहे हैं। वहां पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से उनकी मुलाकात हो सकती है। बघेल ने कहा था, ''कल केसी वेणुगोपाल जी का मेरे पास मैसेज आया था। आज राहुल जी से मुझे मिलना है। उनके निर्देश पर मैं वापस दिल्ली जा रहा हूं। इसके अलावा मेरे पास कोई जानकारी नहीं है।'' उनसे कई विधायक और मंत्रियों के भी दिल्ली जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा था, ''सब लोग अपने नेता से मिलने क्यों नहीं जा सकते हैं। मुझे बुलाया गया है, इसलिए जा रहा हूं। कोई बिना बुलाए जा रहा है। कोरोना काल के कारण दिल्ली वैसे भी जाना नहीं हो पाया है। उसके बाद अभी गए हैं, सब अपने नेता से मिलेंगे।''
उन्होंने सिंहदेव के उस बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था जिसमें सिंहदेव ने कहा था कि कोई व्यक्ति एक टीम में खेलता है तो क्या वह कप्तान नहीं बनना चाहता है। मुख्यमंत्री से पहले आज राज्य के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे और वन मंत्री मोहम्मद अकबर भी विमानतल पहुंचे थे। नई दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री बघेल रायपुर पहुंचे थे। समझा जाता है कि गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ दिल्ली में बैठक के दौरान बघेल और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच कथित विवाद को सुलझाने की कोशिश की गई।
बृहस्पतिवार शाम को दिल्ली जाने के दौरान बघेल के करीबी माने जाने वाले विधायक देवेंद्र यादव ने संवददाताओं से कहा था कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व में हम लगातार छत्तीसगढ़ की जनता की सेवा कर रहे हैं। आलाकमान से यहां कि स्थति के बारे में बात करेंगे। सारे विधायक एकजुट हैं। वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा था कि मीडिया में खबर चल रही है कि मुझे दिल्ली बुलाया गया है लेकिन आलाकमान से कोई बुलावा नहीं आया है और न ही छत्तीसगढ़ के विधायकों को बुलावा आया है। उन्होंने विधायकों से अपील की थी वह आलाकमान के निर्देश का पालन करें।
नई दिल्ली में मंगलवार को बघेल और सिंहदेव की राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया ने संवाददाताओं से कहा था कि बैठक में विकास के मुद्दों पर चर्चा की गई। नेतृत्व परिवर्तन पर बातचीत नहीं हुई है। बुधवार को दिल्ली से रायपुर पहुंचने के बाद बघेल ने कहा था कि जो लोग ढाई साल की बात कर रहे हैं, वह राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें वह कभी सफल नहीं होंगे।
छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे। सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।