Tuesday, November 05, 2024
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आसान नहीं है चरणजीत सिंह चन्नी की राह, इन बड़ी चुनौतियों का करना होगा सामना

चरणजीत सिंह चन्नी की आगे की राह आसान नहीं है। उन्हें कई सियासी चुनौतियों के बीच व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी मिली है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 20, 2021 13:44 IST
आसान नहीं है चरणजीत सिंह चन्नी की राह, इन बड़ी चुनौतियों का करना होगा सामना- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV आसान नहीं है चरणजीत सिंह चन्नी की राह, इन बड़ी चुनौतियों का करना होगा सामना

चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं की राजनीतिक लड़ाई में सीएम का ताज चरणजीत सिंह चन्नी के सिर आ तो गया है लेकिन उनके सामने चुनौतियां भी कम नहीं हैं। चन्नी ने आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है लेकिन सियासी गलियारों में यह कहा जा रहा है कि उनकी आगे राह आसान नहीं है। उन्हें कई सियासी चुनौतियों के बीच व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी मिली है। 

प्रदेश को मजबूत नेतृत्व 

आपको बता दें कि 58 वर्षीय चरणजीत सिंह चन्नी कांग्रेस पार्टी के तीसरी बार के विधायक हैं। वे इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में तकनीकी शिक्षा मंत्री के तौर पर कामकाज देख रहे थे।चन्नी की सबसे बड़ी चुनौती पार्टी की अंदरुनी गुटबाजी और सियासी उठापठक के बीच विधानसभा चुनाव तक एक मजबूत नेतृत्व देने की होगी। राज्य की प्रशासनिक और आर्थिक व्यवस्था को गति देनी होगी इसके साथ ही पार्टी के अंदर गुटबाजी के बीच सभी धड़ों के बीच एक सहमति कायम करने की होगी। इसके साथ ही राज्य के अंदर किसानों के असंतोष को भी दूर करना होगा। राज्य के किसान लंबे अर्से से कृषि कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 

सभी समुदाय का समर्थन 
पंजाब कांग्रेस के अंदर सिद्धू और कैप्टन की सियासी जंग अभी एक नए मोड़ तक ही पहुंची है और ऐसी संभावना है कि यह आगे भी जारी रहेगी। इन दोनों की इस सियासी जंग में कई अहम पड़ाव अभी बाकी हैं। ऐसे में चरणजीत सिंह की राह में तमाम तरह की बाधाएं हैं। वे प्रदेश के पहले दलित मुख्यमंत्री हैं। उनके सामने पंजाब के दलित वोट को एक जुट करने के साथ ही अगले चुनाव में कांग्रेस के लिए प्रदेश के सभी समुदाय और जातियों को वोट हासिल करने की भी चुनौती होगी।

पार्टी के लिए नई नजीर
दरअसल, कैप्टन के इस्तीफे के बाद पंजाब में हुए इस बदलाव को नवजोत सिद्धू की जीत के दौर देखा जा रहा है। सिद्धू पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और चरणजीत सिंह चन्नी को सिद्धू के साथ काम करना पड़ेगा। ऐसे में उनके सामने एक और चुनौती ये भी होगी कि सिद्धू की छत्रछाया में काम करनेवाले सीएम साबित होते हैं या फिर पार्टी के लिए एक नई नजीर बनते हैं। 

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