कोलकाता: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी से सोमवार को कोलकाता में मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से 2019 के आम चुनावों में मुकाबला करने के लिए संघीय मोर्चे के गठन पर चर्चा की। राव और ममता की यह मुलाकात राजनीतिक दृष्टि से बेहद ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके जरिए गैर-कांग्रेस और गैर-बीजेपी मोर्चे के गठन के लिए जमीन तैयार हो सकती है। इन दोनों के अलावा कई अन्य दल भी संभावित तीसरे मोर्चे का दामन थाम सकते हैं। ऐसा होने पर महागठबंधन बनाने की कोशिश कर रही कांग्रेस की उम्मदों को करारा झटका लग सकता है।
राज्य सचिवालय में ममता बनर्जी के साथ बैठक के बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख राव ने कहा कि देश को वैकल्पिक एजेंडा और वैकल्पिक राजनैतिक शक्ति की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘देश को कुछ अच्छे की आवश्यकता है, अगर बीजेपी जाती है और कांग्रेस आती है तो क्या होगा। क्या इससे कोई चमत्कार होगा। हम समान सोच वाली पार्टियों से बातचीत कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि यह संघीय मोर्चे की शुरुआत है, जो जनता का मोर्चा होगा। राव ने हाल में देश में गैर कांग्रेसी और गैर-भाजपाई मोर्चे के गठन के साथ ही राजनीति में ‘गुणात्मक बदलाव’ की बात कही थी।
राम जेठमलानी ने किया ममता का समर्थन:
इससे पहले काले धन के मुद्दे को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकारों पर बरसते हुए पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी ने कहा था कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी की अगुवाई में तीसरा मोर्चा बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि अगले चुनावों में नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिये ममता तीसरे मोर्चे की अगुवाई करें। ममता में देश का अगला प्रधानमंत्री बनने की योग्यता है।’