नई दिल्ली/ अमरावती: तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने आज पार्टी सांसदों से कहा कि वे आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए अपना विरोध प्रदर्शन तेज करें।
तेदेपा सांसदों के साथ एक टेली-कॉन्फ्रेंस में नायडू ने कहा, ‘‘इतने दिनों से बार-बार सदन को स्थगित कराकर भाजपा इस मुद्दे से बच रही है। अगर सदन की कार्यवाही अनिश्चितकालीन समय के लिए स्थगित हो गई है तो सांसदों को निश्चित रूप से राष्ट्रपति से मिलना चाहिए। भाजपा बांटो और राज करो की तर्ज पर काम कर रही है।’’
संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से का आज आखिरी दिन था। अमरावती में आज सुबह आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडु ने आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 को लेकर केंद्र के रवैये के विरोध में अपने मंत्रियों और तेदेपा विधायकों की एक साइकिल रैली का नेतृत्व किया।
अपने मीडिया प्रकोष्ठ द्वारा जारी किए गए एक बयान में नायडू ने कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश के लोग पहले ही भाजपा को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। जल्द ही एक दिन आएगा जब भाजपा को पूरे देश में अस्वीकार कर दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक राज्य सभा में दिए गए आश्वासन और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को पूरा नहीं कर दिया जाता।’’
संसद परिसर में कल उनकी पार्टी के सांसदों द्वारा किए गए प्रदर्शन में वाईएसआर कांग्रेस के सांसदों के शामिल नहीं होने पर नायडू ने कहा कि यह पार्टी की मिलीभगत की राजनीति का उदाहरण है। उन्होंने बयान में कहा, ‘‘पूर्व में कुछ स्थानीय लोगों ने ब्रिटिश लोगों के साथ मिलीभगत कर ली थी। इसी तरह से वाईएसआरसीपी अब केंद्र के साथ मिलीभगत कर रही थी।’’
तेदेपा सांसदों ने कल राज्यसभा में विरोध प्रदर्शन किया था और दोपहर करीब ढाई बजे सदन की कार्यवाही स्थगित हो जाने के बावजूद वहां से हटने से इनकार कर दिया था। रात करीब सवा आठ बजे पार्टी के सांसदों और साथ ही पार्टी के लोकसभा सदस्यों को मार्शलों की मदद से बाहर किया गया। लोकसभा सांसदों ने अपनी पार्टी के राज्यसभा सांसदों के प्रति एकजुटता जाहिर करते हुए सेंट्रल हॉल में प्रदर्शन किया।
तेदेपा ने एनडीए से पिछले महीने यह आरोप लगाते हुए अपना नाता तोड़ लिया था कि वह राज्य पुनर्गठन अधिनियम को लेकर अपना वादा पूरा करने में विफल रही।