नई दिल्ली: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस नेता हरीश रावत के बयानों पर गुरुवार को पलटवार किया है। कैप्टन द्वारा नई पार्टी बनाने के ऐलान के बाद रावत ने कहा था कि पंजाब के पूर्व सीएम ने अपने अंदर के ‘सेक्युलर अमरिंदर’ को मार दिया है। रावत के बयान से भड़के अमरिंदर ने ट्वीट्स के जरिए कहा कि उन्हें सेक्युलरिज्म के बारे में बात करना बंद कर देना चाहिए। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के पहले बीजेपी में होने और महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर सरकार चलाने का हवाला देते हुए कैप्टन ने पूछा कि तब पार्टी का सेक्युलरिज्म कहां था।
‘सेक्युलरिज्म के बारे में बात करना बंद कीजिए’
कैप्टन के मीडिया अडवाइजर रवीन ठुकराल ने पंजाब के पूर्व सीएम के हवाले से एक के बाद एक कई ट्वीट्स किए। उन्होंने कैप्टन के हवाले से कहा, ‘हरीश रावत जी, सेक्युलरिज्म के बारे में बात करना बंद कीजिए। यह मत भूलिए कि कांग्रेस ने 14 साल तक बीजेपी में रहने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी में शामिल किया था। और नाना पटोले एवं रेवनाथ रेड्डी आरएसएस से नहीं आए तो कहां से आए? और परगट सिंह 4 साल तक अकाली दल के साथ थे।’
‘महाराष्ट्र में आप शिवसेना के साथ क्या कर रहे’
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने पूछा, ‘और महाराष्ट्र में आप शिवसेना के साथ क्या कर रहे हैं? या हरीश रावत जी आप यह कह रहे हैं कि जब तक कांग्रेस का मकसद पूरा होता रहे तब तक कथित सांप्रदायिक पार्टियों के साथ जाना ठीक है। यह राजनीतिक अवसरवाद नहीं तो फिर क्या है? हरीश रावत जी, आज आप हमारे ऊपर अपने प्रतिद्वंदी अकाली दल की 4.5 साल तक मदद करने का आरोप लगा रहे हैं। क्या आपको लगता है कि पिछले 10 सालों से मैं इसीलिए उनके खिलाफ अदालत में मुकदमे लड़ रहा हूं? और मैंने 2017 के बाद से पंजाब में होने वाले हर चुनाव में कांग्रेस को जीत क्यों दिलवाई?’
‘कांग्रेस ने पंजाब में खुद ही नुकसान पहुंचाया’
कैप्टन ने कहा, ‘हरीश रावत जी, आपको आशंका है कि मेरी वजह से पंजाब में पार्टी के हितों को नुकसान पहुंचेगा। हकीकत तो यह है कि पार्टी ने मेरे ऊपर भरोसा न करके और सिद्धू जैसे अस्थिर शख्स के हाथों में, जो कि सिर्फ स्वयं के प्रति वफादार है, पंजाब कांग्रेस की कमान देकर खुद अपने हितों को नुकसान पहुंचाया है।’ बता दें कि अपने बयान में कैप्टन को ‘भटका’ हुआ शख्स बताते हुए रावत ने कहा था, ‘नई पार्टी बनाने का मतलब यही हुआ कि कौआ खाना है लेकिन उसे तीतर बताकर खाना है। जिसको बीजेपी, अकाली दल की मदद करनी है वही इस तरह का कदम उठाएगा।’