चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बयान दिया है कि पंजाब की जनता जबतक चाहेगी तबतक राजनिति नहीं छोड़ेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगे। कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस बयान को 2017 में हुए पंजाब विधानसभा चुनावों में दिए गए उनके बयान का यू टर्न माना जा रहा है। 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान अमरिंदर सिंह ने कहा था कि 2017 का विधानसभा चुनाव उनका अंतिम चुनाव होगा।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ट्वीट संदेश में लिखा ''मैं तबतक छोड़ने (राजनीति छोड़ने) के बारे में नहीं सोच सकता जबतक पंजाब की जनता को मेरी जरूरत है, मेरी जनता ने शिरोमणि अकाली दल के 10 वर्ष के कार्यकाल को झेला है और मैं उन काले वर्षों की यादों को अपनी जनता के जहन से हटाने और पंजाब को फिर से पहले दर्जे का राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं, अगर इसका मतलब है कि अगले विधानसभा चुनाव लड़ना होगा तो मैं लड़ूंगा।''
2012 के पंजाब विधानसभा चुनावों में शिरोमणी अकाली दल नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भी कहा था कि 2012 का चुनाव उनका अंतिम चुनाव होगा और इस घोषणा के बाद अकाली दल फिर से पंजाब में सरकार बनाने में कामयाब हुआ था। 2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यही फार्मूला अपनाते हुए कहा कि 2017 का विधानसभा चुनाव उनका अंतिम चुनाव होगा और 10 साल बाद कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाने में कामयाब हुए तथा पंजाब के मुख्यमंत्री बने।
2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान ही भारतीय जनता पार्टी को छोड़ नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे, उस समय राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि सिद्धू आगे चलकर कैप्टन अमरिंदर सिंह के उत्तराधिकारी बन सकते हैं। लेकिन बाद में सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच विवाद बढ़ा और इस साल कैप्टन ने सिद्धू का मंत्रालय बदल दिया जिससे नाराज होकर नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब के मंत्रीमंडल से त्यागपत्र दे दिया।