नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान के निधन पर शोक व्यक्त किया। प्रचलित परंपरा के अनुसार, मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और बिहार के दिग्गज दलित नेता के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। मंत्रिमंडल ने कहा, ‘‘उनके निधन से, राष्ट्र ने एक प्रमुख नेता, एक प्रतिष्ठित सांसद और एक सक्षम प्रशासक खो दिया है।’’
इसमें कहा गया है कि पासवान, समाज के पीड़ित तबके की आवाज थे। वह समाज के वंचित तबके के लिये आवाज उठाते रहे। इसमें कहा गया है, ‘‘मंत्रिमंडल सरकार और पूरे देश की ओर से शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है।’’
एक सरकारी बयान में कहा गया कि पासवान की स्मृति में मंत्रिमंडल ने दो मिनट का मौन रखा। मंत्रिमंडल ने पासवान को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की भी मंजूरी दी। जब किसी बड़े नेता का निधन हो जाता है, तो मंत्रिमंडल उनके निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए बैठक करता है और एक प्रस्ताव पारित करता है।
पासवान, 74 वर्ष, का आठ अक्टूबर को दिल्ली के एक अस्पताल में हृदय संबंधी बीमारियों और गुर्दे के काम करना बंद कर देने के बाद निधन हो गया। आठ बार लोकसभा सांसद रहे, पासवान 1989 के बाद से जनता दल से लेकर कांग्रेस और भाजपा तक विभिन्न विचारधाराओं के दलों की अगुवाई वाली केंद्र की सरकारों में मंत्री रहे।