नई दिल्ली: ये साफ हो गया कि उत्तर प्रदेश में मायावती और अखिलेश यादव मिलकर चुनाव लड़ेंगे और राहुल गांधी को इस गठबंधन में शामिल नहीं किया जाएगा। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन के ऐलान की औपचारिकता आज पूरी की जाएगी। लखनऊ में मायावती और अखिलेश यादव एक ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंधन का ऐलान करेंगे।
पता ये चला है कि अब तक इतना तय हुआ है कि यूपी की 80 सीटों में से समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी 37 -37 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। रायबरेली और अमेठी की सीटों में गठबंधन उम्मीदवार नहीं उतारेगा। वहां पर गठबंधन कांग्रेस को सपोर्ट करेगा। इसके बाद जो चार सीटें बचेंगी उनमें से दो सीटें अजीत सिंह की पार्टी को दिए जाने की संभावना है जबकि दो सीटों को फिलहाल दूसरे नए छोटे सहयोगी दलों के लिए रखा गया है।
शुक्रवार को अखिलेश यादव ने कन्नौज में चौपाल लगाई लेकिन वे खुलकर नहीं बोले। अखिलेश ने कहा 'सब तय हो गया है। वोटों का गणित ठीक करने के लिए बीएसपी से हाथ मिलाया है। भविष्य की योजनाएं भी तैयार है। सबका एलान शनिवार को हो जाएगा।'
इस आशय की जानकारी शुक्रवार सुबह बसपा के महासचिव सतीश मिश्रा और सपा सचिव राजेंद्र चौधरी ने एक साझा बयान में दी। यह पत्रकार वार्ता शनिवार दोपहर शहर के पांच सितारा होटल में आयोजित होनी है। हाल ही में दोनों दलों के नेताओं ने दिल्ली में भेंट कर लोकसभा चुनावों में महागठबंधन के स्वरूप पर चर्चा की थी।
निषाद पार्टी को भी महागठबंधन में शामिल किया जा सकता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 80 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी गठबंधन ने 73 सीटें जीती थीं और इस बार उसके नेता 73 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं। बसपा-सपा और रालोद ने साथ मिलकर उपचुनाव लड़ा था जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर सीट और उप मुख्यमंत्री की फूलपुर सीट से सपा प्रत्याशियों को जीत मिली थी। जबकि कैराना सीट पर रालोद प्रत्याशी ने भाजपा से यह सीट छीनी थी।
बसपा सुप्रीमो मायावती गुरुवार शाम दिल्ली से लखनऊ पहुंची। पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि वह 15 जनवरी को अपने जन्म दिन के दिन महागठबंधन की साझा प्रेस कांफ्रेंस कर सकती है लेकिन अब जन्म दिन के तीन दिन पहले ही इस प्रेस कांफ्रेस का आयोजन किया जा रहा है। (इनपुट: भाषा)